Fact Check. लॉकडाउन में खा रहे हैं ब्रेड बिस्किट तो तुरंत बंद कर दें, वायरल हुआ कोरोना का खतरा

नई दिल्ली. कोरोना वायरस के कारण देश में लॉकडाउन चल रहा है। किसी को भी बाहर निकलने की इजाजत नहीं है। संक्रमण के नियंत्रण के लिए लोग घरों में कैद हैं। लोग जरूरी सामान खरीदने ही घर से निकल रहे हैं। दूध, ब्रेड, दवाइयां आदि की खप्त चल रही है। इस बीच सोशल मीडिया पर कोरोनवायरस के फैलने का एक कारण बेकरी सामान को बताया जा रहा है। अखबार, जूते, मीट के बाद अब बेकरी को कोरोना से जोड़कर लोग दावे कर रहे हैं। हालांकि इनमें से अधिकांश बिना किसी वेरिफिकेशन किए ही वायरल दावे थे। अब डब्ल्यूएचओ के नाम से एक एडवाइजरी शेयर की जा रही है। फैक्ट चेकिंग में आइए जानते हैं कि इसकी सच्चाई क्या है? 
 

Asianet News Hindi | Published : Apr 6, 2020 2:00 PM IST

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Fact Check. लॉकडाउन में खा रहे हैं ब्रेड बिस्किट तो तुरंत बंद कर दें,  वायरल हुआ कोरोना का खतरा
इसमें लोगों से बेकरी आइटम्स न खरीदने की अपील की गई है। दावा किया गया है कि, बेकरी आइटम्स धोए नहीं जा सकते इसलिए लोग इन्हें न खरीदें न खाएं।
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क्या वायरल डब्ल्यूएचओ के नाम से वायरल एडवाइजरी में लिखा है कि, 'बेकरी आइटम्स खाना बंद करो। सख्ती से यह सलाह दी जाती है कि, बेकरी आइटम न खाएं क्योंकि यह वॉशेबल (धोने योग्य) नहीं हैं और वायरस से आसानी से संक्रमित हो सकते हैं।'
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क्या दावा किया जा रहा है? सोशल मीडिया यूजर्स दावा किया गया है कि, बेकरी आइटम्स वॉशेबल नहीं होते, इसलिए यह आपको संक्रमण का शिकार बना सकते हैं।
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क्या है सच्चाई पड़ताल में पता चला कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा ऐसी कोई एडवाइजरी जारी नहीं की गई। अभी तक ऐसा भी कोई प्रमाण सामने नहीं आया है, जिससे यह साबित होता हो कि बेकरी आइटम्स आसानी से वायरस के संक्रमण का शिकार हो सकते हैं। यूनाइटेड स्टेट्स फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक, अभी तक फूड और फूड पैकेजिंग से कोविड-19 के ट्रांसमिशन का कोई सबूत नहीं है। यदि किसी सरफेस या ऑब्जेक्ट पर पहले से वायरस है, और आप उसे टच करते हैं और हाथ मुंह, आंख, नाक पर लगा लेते हैं, तो फिर आप वायरस का शिकार हो सकते हैं।
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ये निकला नतीजा सेंटर्स फॉर डिजीज एंड प्रिवेंशन (CDC) की रिपोर्ट के मुताबिक, सरफेस पर कोरोनावायरस लंबे समय तक नहीं टिक पाता। इसलिए फूड प्रोडक्ट्स और पैकेजिंग पर भी इसके रहने का खतरा कम है क्योंकि यह भी अलग-अलग टेम्प्रेचर से गुजरते हैं। यह वायरल पोस्ट भ्रामक है।
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