अयोध्या के ‘बाबरी अस्पताल’ के नाम पर वायरल हुई ये तस्वीर, जानें आखिर क्या है सच्चाई?

फैक्ट चेक.  Babri hospital architectural design fact check: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, अयोध्या जिला प्रशासन की तरफ से सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ भूमि आवंटित किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर एक अस्पताल की तस्वीर वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड ने अयोध्या में मिली जमीन पर ‘बाबरी हॉस्पिटल’ बनाने का फैसला लिया है और वायरल तस्वीर उसी अस्पताल का प्रस्तावित वास्तुशिल्प (आर्किटेक्चरल डिजाइन) है। राम मंदिर भूमि पूजन के बाद से ही ये तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। 

फैक्ट चेक में आइए जानते हैं कि आखिर इस तस्वीर में क्या है? 

Asianet News Hindi | Published : Aug 8, 2020 12:49 PM IST / Updated: Aug 08 2020, 06:28 PM IST
17
अयोध्या के ‘बाबरी अस्पताल’ के नाम पर वायरल हुई ये तस्वीर, जानें आखिर क्या है सच्चाई?

सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को बाबरी हॉस्पिटल का ब्लू प्रिंट मानते हुए इसे समान दावे के साथ शेयर किया है। फैक्ट चेक में आइए जानते हैं इस तस्वीर का सच क्या है? 

27

क्या है वायरल पोस्ट में?

 

फेसबुक यूजर ‘Parvati Goenka’ ने वायरल हो रही तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ” बाबरी हॉस्पिटल, बढ़िया निर्णय है सुन्नी बक्फ बोर्ड का जो अयोध्या की पांच एकड़ जमीन में मस्जिद नहीं अस्पताल बनवाने का फैसला किया।”

37

हर जगह ये मैसेज वायरल है जिसमें लिखा है, ”बाबरी अस्पताल…सुन्नी वक्फ बोर्ड का अच्छा फैसला। अयोध्या में मिली पांच एकड़ भूमि का सार्थक इस्तेमाल। फिलहाल फैजाबाद, अयोध्या के लोगों को बेहतर मेडिकल सुविधाओं के इस्तेमाल के लिए लखनऊ और इलाहाबाद जाना पड़ता है। इससे नौकरियां भी मिलेंगी और सभी धर्मों के लोगों की सेवा भी होगी। बहुत बढ़िया।”

47

फैक्ट चेक

 

वायरल हो रही तस्वीर वास्तव में दूसरे अस्पताल की तस्वीर है, जिसे एडिट कर ‘बाबरी अस्पताल’ के डिजाइन के दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। ‘दैनिक जागरण’ में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, ‘अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन संपन्न होने के साथ ही उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा गठित इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने भी अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। अयोध्या में मिली पांच एकड़ भूमि पर मस्जिद, अस्पताल, रिसर्च सेंटर सहित अन्य जरूरी सुविधाएं विकसित करने के लिए गठित इस फाउंडेशन का ऑफिस बहुत जल्द लखनऊ में खुलेगा।

 

उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने 29 जुलाई को ही इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के नौ सदस्यों की घोषणा की थी। इसमें अधिकतम 15 सदस्य हो सकते हैं। छह सदस्यों को बाद में यह ट्रस्ट खुद नामित करेगा। पिछले दिनों अयोध्या जिला प्रशासन ने (सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक) सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ भूमि के कागज प्रदान कर दिए थे।’

57

न्यूज सर्च में हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिसमें हमें सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में मिली जमीन पर ‘बाबरी हॉस्पिटल’ के नाम से किसी अस्पताल को बनाए जाने का जिक्र हो। न ही किसी खबर में हमें इस बात की जानकारी मिली कि इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने किसी अस्पताल के निर्माण या उसके डिजाइन को मंजूरी दे दी है।

 

न्यूज सर्च में हमें एक और रिपोर्ट मिली, जिसके मुताबिक, ‘अयोध्या में बनने वाली मस्जिद का नाम अब बाबरी मस्जिद नहीं होगा।’ ऐसे में उसी परिसर में बनने वाले अस्पताल का नाम बाबरी हॉस्पिटल कैसे हो सकता है। 

67

वायरल पोस्ट में ‘बाबरी हॉस्पिटल’ के कथित ब्लू प्रिंट का इस्तेमाल किया गया है। तस्वीर की सच्चाई और उसके ओरिजिनल सोर्स का पता लगाने के लिए हमने गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया। सर्च में हमें यही तस्वीर smithgroup.com की वेबसाइट पर लगी मिली, जो आर्किटेक्चरल डिजाइन बनाने वाली कंपनी है।

 

दी गई जानकारी के मुताबिक, यह तस्वीर अमेरिका के वर्जिनिया स्टेट के यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जिनिया हॉस्पिटल की है, जिसका डिजाइन स्मिथ ग्रुप ने तैयार किया था। इसी तस्वीर को एडिट कर उसे ‘Babri Hospital’ के ब्लू प्रिंट के तौर पर वायरल किया जा रहा है।

77

ये निकला नतीजा

 

अयोध्या के ‘बाबरी अस्पताल’ के नाम से वायरल हो रही तस्वीर एडिटेड है। वास्तव में यह तस्वीर अमेरिका के वर्जिनिया स्टेट के यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जिनिया हॉस्पिटल की है, जिसे बाबरी हॉस्टिपल का ब्लू प्रिंट बताकर वायरल किया जा रहा है। 

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos