क्या चीन में मुस्लिम शरणार्थियों को ऐसे टॉर्चर किया जाता है? अलग है वायरल तस्वीरों की सच्चाई
नई दिल्ली. सोशल मीडिया पर #chinakillsmuslims हैशटैग चल रहा है। इसके तहत ट्विटर और फेसबुक पर कुछ तस्वीरें वायरल हो रही है इनमें मुस्लिमों पर बर्बरता दिखाई गई है। दावा किया जा रहा है कि, चीन में उइगर मुस्लिम शरणार्थियों को एक टॉर्चर रूम में रखा गया है। इस टॉर्चर रूम के अंदर की तस्वीरें सामने आई हैं जिनमें लोगों को टॉर्चर करते हुए दिखाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर सैकड़ों लोगों ने इन तस्वीरों को रिट्वीट किया तो वायरल होने लगीं लेकिन फैक्ट चेकिंग के बाद इन फोटोज को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
Asianet News Hindi | Published : Dec 22, 2019 10:26 AM IST / Updated: Dec 22 2019, 04:31 PM IST
ट्विटर हैंडल पर ये तस्वीरें सामने आई हैं जिनमें एक शख्स के आंख और मुंह सिले हुए नजर आ रहे हैं। एक महिला के नाखून उखाड़े जा रहे हैं। फोटोज देख लोगों ने शरणार्थियों की चिंता पर इन्हें शेयर करना शुरू कर दिया। पोस्ट में लिखा गया कि, ये सभी तस्वीरें चाइना की हैं जहां लाखों उइगर मुस्लिम शरणार्थी हैं जिन्हें टॉर्चर किया जाता है ताकि वो चीनी सभ्यता को अपनाएं।
इन फोटोज के साथ दावा किया जा रहा है, चीन में लाखों मुस्लिम रहते हैं जिन्हें चीनी सभ्यता सिखाने को बाध्य किया जाता है। जब ये लोग नहीं मानते तो चीनी सैनिक इनके साथ बर्बरता की हदें पार कर देते हैं। ऐसे में ये तस्वीरें वायरल हो रही हैं लेकिन जब फैक्ट चेकिंग की गई तो इन फोटोज से जुड़े खुलासे चौंकाने वाले थे। ये तस्वीर चीन के ही बैबू (बांस) टॉर्चर तकनीक की हैं इनका मुस्लिम शरणार्थियों के टॉर्चर से कोई लेना देना नहीं है।
दरअसल जो फोटोज चाइना के टॉर्चर रूम के दावे के साथ वायरल की जा रही हैं वो ईरान के एक विरोध प्रदर्शन की हैं। गूगल रिवर्स सर्च इमेज में जांच पड़ताल के बाद देखा गया कि, क्वेरा पर ये तस्वीर ईरान की बताई गई है जहां एक कवि ने ईरान सरकार के खिलाफ इस तरह प्रोटेस्ट किया। वहीं कुछ और बीबीसी की रिपोर्ट में भी ईरान में शरणार्थियों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें मिलीं।
अतः सोशल मीडिया पर वायरल की जा रही फोटोज में किए गए दावे पूरी तरह गलत और बेबुनियाद हैं। ये सभी तस्वीरें फर्जी हैं। हालांकि चीन में उइगर मुस्लिमों रहते हैं।