Corona Fact Check. चीन में चाय से ठीक हुए थे अधिकतर मरीज, तो क्या ये है कोरोना का रामबाण इलाज?
नई दिल्ली. कोरोना वायरस को लेकर पूरी दुनिया में कोहराम मचा हुआ है। वैज्ञानिक, फार्माकोलॉजिस्ट, विशेषज्ञ Covid-19 के लिए एक एंटीडोट खोजने के लिए 24 घंटे काम कर रहे हैं। इधर सोशल मीडिया पर अफवाहों ने जोर पकड़ रखा है। कोरोना वायरस को लेकर दिन-रात नए-नए नुस्खे बता रहे हैं। अब एक लंबी पोस्ट और मैसेज को फेसबुक, ट्विटर पर शेयर किया जा रहा है। इस मैसेज का दावा है कि चीन में अधिकतर कोरोना मरीज तीन वक्त चाय पीने से ठीक हो गए थे। वहीं भारत में कोरोना से डरने की ज्यादा जरूरत नहीं है क्योंकि यहां लोग चाय बहुत ज्यादा मात्रा में पीते हैं। सोशल मीडिया पर फैलती इस जानकारी के बाद हमने इसकी सच्चाई जानने की कोशिश की। फैक्ट चेकिंग में आइए जानते हैं कि क्या चाय कोरोना का घरेलू इलाज है?
Asianet News Hindi | Published : Mar 25, 2020 12:37 PM IST / Updated: Mar 25 2020, 06:23 PM IST
सोशल मीडिया उपयोगकर्ता विचित्र उपायों को कोरोना का इलाज बताकर उन्हें साझा कर रहे हैं। बीते कुछ महीनों में जबसे कोरोना चर्चा में आया है। इसके घरेलू उपाय और इलाज भी उतनी ही तेजी से फैलते दिखे हैं। हालांकि अधिकतर नियाहती फर्जी थे। अब एक नया नुस्खा है।
वायरल पोस्ट क्या है? सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर एक पोस्ट वायरल हुई है जिसमें दावा किया गया है कि चीनी चिकित्सक जिन्होंने पहली बार घातक कोरोनावायरस का पता लगाया था ली वेनगियांग ने कुछ केस फाइलों और बीमारी के उपचार पर रिसर्च की थी। इसके बाद उन्होंने एक रिपसर्च जारी की और बताया कि COVID-19 को ठीक करने के लिए आवश्यक रासायनिक यौगिकों को चाय में पाया जा सकता है।
मारिया सेलिया ने अपने परिवार और दोस्तों से पोस्ट को भारी संख्या में पोस्ट साझा करने को कहा। वह यह भी दावा करती हैं, "चीन में अस्पताल के कर्मचारियों ने दिन में तीन बार मरीजों को चाय परोसना शुरू कर दिया है।"
क्या दावा किया जा रहा है? पोस्ट में यूजर्स दावा करते हैं, 'सीएनएन से ब्रेकिंग न्यूज: - चीन के हीरो डॉक्टर डॉ ली वेनलियांग, जिन्हें कोरोनोवायरस के बारे में सच्चाई बताने के लिए सजा दी गई थी और बाद में उसी बीमारी के कारण उनकी मृत्यु हो गई थी। उन्होंने शोध उद्देश्यों के लिए केसफाइल्स का दस्तावेजीकरण किया था और केस फाइलों में इलाज का प्रस्ताव रखा था।
यह मानव शरीर पर कोविड -19 के प्रभाव को काफी कम कर देगा ...और अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि चीन के लोग जिस उपाय को समझने में परेशान थे भारत में उसे आसान भाषा में चाय कहा जाता है। हां हमारी नियमित चाय है इसमें पहले से ही कोरोना से लड़ने के रसायन मौजूद हैं।' दावे में कहा गया कि खबर को पहली बार सीएनएन द्वारा प्रकाशित की गई।
दावे की सच्चाई क्या है? चाय को कोरोना का इलाज बताने वाली इस पोस्ट की जांच के लिए हमने सबसे पहले सीएनएन वेबसाइट पर इस दावे की खोज की लेकिन ऐसी कोई खबर हमें नहीं मिली। हमने ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए उनके ट्विटर हैंडल को खोजा, लेकिन ऐसी कोई बात सामने नहीं आई।
हमें CNN पर चीन के डॉक्टर ली के बारे में रिपोर्ट मिली लेकिन उन्होंने कहीं भी चाय को कोरोना का इलाज नहीं बताया। वहीं Google पर भी हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली जो चाय को कोरोना में लाभकारी या इलाज का नुस्खा बताती हो। साथ ही ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है कि चीन में डॉक्टर कोविड -19 रोगियों को चाय परोस रहे हैं।
दरअसल वैज्ञानिक अभी भी कोविड -19 के लिए एक टीका बनाने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ अस्थायी दवाओं का सुझाव दिया गया है लेकिन उन्हें अभी तक उपयोगी साबित नहीं किया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) भी किसी विशिष्ट दवा के बारे में नहीं बताया है। कोरोना के लिए इलाज के लिए अगर चाय इतनी लाभकारी होती तो चीन इटली, फ्रांस, अमेरिका में सैकड़ों लोग मौत के मुंह में नहीं चले जाते।
इसलिए यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि सोशल मीडिया पर वायरल ये नुस्खा और दावे का कोई सबूत नहीं है और इसलिए यह पोस्ट भ्रामक है।