हमें साल 2002 में टाइम्स ऑफ इंडिया में छपा एक आर्टिकल भी मिला, जिसमें गाय और तेंदुए की इन मुलाकातों के बारे में बताया गया है। हालांकि, दोनों ही रिपोर्ट्स में कहीं भी वायरल पोस्ट के साथ बताई गई भावनात्मक कहानी की पुष्टि नहीं हुई।
मीडिया रिपोर्ट में वडोदरा में वन संरक्षक एचएस सिंह ने बताया कि कई बार जानवरों में इस तरह का बर्ताव देखने को मिलता है। गाय और तेंदुए के इस केस में ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि यह तेंदुआ ग्रामीण इलाके में ही रहता था और जंगल के माहौल से दूर था।