नई दिल्ली. दिल्ली की हजरत निजामुद्दीन मस्जिद का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक मस्जिद के अंदर कई मुस्लिम बैठे दिखाई दे रहे हैं और अपनी धार्मिक परंपरा निभा रहे हैं। वायरल मैसेज के साथ दावा किया जा रहा है कि मुस्लिम समुदाय के लोग कोरोना को फैलाने के लिए जानबूझकर छींक रहे हैं। फेसबुक पर कई लोगों ने इस वीडियो को शेयर किया है, जिसे लोग जमकर देख रहे हैं और आगे भी शेयर कर रहे हैं। इस वीडियो का कोरोना वायरस से कोई संबंध नहीं है और यह एक सूफी परंपरा का वीडियो है। इससे पहले यह वीडियो पाकिस्तान में भी कोरोना से जोड़कर वायरल किया जा रहा था।
वायरल वीडियो में कहा जा रहा है कि ये लोग छीकने की प्रैक्टिस कर रहे हैं, जबकि ये लोग एक सूफी परंपरा के तहत अल्ला को याद कर रहे हैं।
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वायरल वीडियो में जो मस्जिद दिख रही है उसे निजामुद्दीन मस्जिद बताया जा रहा है, पर यह मस्जिद ना तो निजामुद्दीन मस्जिद है ना ही निजामुद्दीन दरगाह है।
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निजामुद्दीन दरगाह ने पहले ही इस बात की जानकारी दी थी कि वायरल वीडियो से उसका संबंध नहीं है। निजामुद्दीन दरगाह के इसी मैदान पर कव्वाली की जाती है।
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टर्की में इसी परंपरा का काफी खूबसूरत वीडियो इंटरनेट पर भी उपलब्ध है।
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वायरल वीडियो में ये लोग वास्तव में जिक्र परंपरा का निर्ऴहन कर रहे हैं। इसमें अल्लाह का नाम लेते हुए सांस लेनी और छोड़नी पड़ती है।
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अगर वायरल मैसेज के दावे को सच भी मान लिया जाए तो इतनी जल्दी-जल्दी छींकना किसी इंसान के लिए संभव नहीं है।
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वीडियो देखकर पता चलता है कि ये लोग जोर जोर से सांस अंदर ले रहे हैं और बाहर छोड़ रहे हैं। इसके बावजूद लोग इसे बिना कुछ सोचे समझे शेयर कर रहे हैं।
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टर्की के अलावा भी कई देशों में यह परंपरा निभाई जाती है।
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जिक्र के बारे में आप इंटरनेट पर और जानकारी पा सकते हैं। इससे जुड़े कई वीडियो इंटरनेट पर मौजूद हैं।
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दिल्ली की निजामुद्दीन मस्जिद में कई लोग ठहरे हुए थे और इनमें से ढेरों लोगों को कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसके बाद से इस मस्जिद को लेकर कई तरह की अऱवाहें चल रही हैं।