तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज से सर्च करने पर पता चला कि पहली तस्वीर 2015 में फरखुंडा मलिकजादा के अंतिम संस्कार के दौरान की है, जिसे काबुल में कथित तौर पर कुरान जलाने पर भीड़ ने मार डाला था। दूसरी तस्वीर 9 साल पुरानी है। इसमें एक लड़के को दिखाया गया है, जिसे अफगानिस्तान में वेश्यावृत्ति के लिए इस्तेमाल किया गया था।