सार
94 कुत्तों और 79 बिल्लियों को बचाने के मिशन का कोडनेम ऑपरेशन आर्क था। उन्हें निजी चार्टर विमान के जरिए ब्रिटेन ले जाया जाना था।
काबुल. अफगानिस्तान में इंसान ही क्या जानवरों का भी रेस्क्यू किया जा रहा है। हाल ही में खबर आई कि तालिबान लड़ाकों ने एक ब्रिटिश मर्सी काफिले को रोक दिया। वे अपने साथ 173 बिल्लियां और कुत्ते लेकर काबुल एयरपोर्ट के अंदर जा रहे थे।
बॉक्स में ही जानवरों की हो जाती मौत
एक्स रॉयल मरीन पेन फार्थिंग ने चेतावनी दी कि ये जानवर 8 घंटे से अंदर ही बंद हैं। अगर इन्हें जल्द ही बाहर नहीं निकाला गया तो वे अंदर ही दम तोड़ देंगे। उन्होंने तालिबान के प्रवक्ता से मदद मांगी। एक्स कमांडो पेन ने 2007 में अफगानिस्तान में सेवा करने के बाद एनिमल रेस्क्यू चैरेटी की शुरुआत की।
ऑपरेशन आर्क के जरिए बचाया गया
94 कुत्तों और 79 बिल्लियों को बचाने के मिशन का कोडनेम ऑपरेशन आर्क था। उन्हें निजी चार्टर विमान के जरिए ब्रिटेन ले जाया जाना था। इसके लिए 25 अफगान कर्मचारियों की मदद से ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। पेन ने 24 घंटे के अदंर दो ट्रक खरीदे। अंदर तीन दिनों का खाना रख दिया।
15 तालिबानी ने तान दी बंदूके
उन्होंने कहा, एक जगह करीब 15 तालिबानी लड़ाकों ने हम पर अपनी बंदूकें तान दीं। इसके बाद उन्होंने तालिबानी प्रवक्ता से बात की। तब उन्होंने जाने दिया। उन्होंने तालिबानी लड़ाकों को बताया कि गर्मी की वजह से जानवर बॉक्स में ही मर जाएंगे। उन्हें जल्द ही बाहर निकालना होगा।
उन्होंने ट्रक पर लगातार पानी छिड़का
ठंड के लिए पेन के साथियों ने लगातार ट्रक पर पानी का छिड़काव किया। तब उन्होंने तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन को ट्वीट कर कहा, मैं कुछ जानवरों के साथ अपनी टीम के साथ फंसा हूं। विमान हमारा इंतजार कर रहा है। हमें एयरपोर्ट तक जानें दें। हम एक एनजीओ हैं जो अफगानिस्तान वापस आएंगे लेकिन अभी मैं सभी को सुरक्षित बाहर निकालना चाहता हूं। उनके ट्वीट के बाद मदद मिली और उन्हें वहां से जाने दिया गया।
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