क्या इस महिला से प्रेरणा लेकर बना है 'स्टैचू ऑफ लिबर्टी'? FAKE CHECK सामने आई वायरल फोटो की असली कहानी

फेक चेक डेस्क. अमेरिका की मशहूर मूर्ति ‘स्टैचू ऑफ लिबर्टी (statue of liberty)’ की महिला लोगों को अजादी और मजबूती का संदेश देती है। ये न सिर्फ अमेरिका में बल्कि दुनिया भर में लोगों के लिए प्रेरणात्मक है। इस बीच सोशल मीडिया पर एक खूबसूरत महिला की फोटो शेयर की जा रही है। सोशल मीडिया पर यूजर्स का दावा है कि ये वही महिला है जिसे देखकर अमेरिका की मशहूर मूर्ति ‘स्टैचू ऑफ लिबर्टी’ गढ़ी गई थी।

Asianet News Hindi | Published : Mar 7, 2021 12:16 PM IST / Updated: Mar 07 2021, 05:52 PM IST
16
क्या इस महिला से प्रेरणा लेकर बना है 'स्टैचू ऑफ लिबर्टी'? FAKE CHECK सामने आई वायरल फोटो की असली कहानी

फेक चेक (Fake Check) में आइए जानते हैं कि आखिर सच क्या है? क्या वाकई इस महिला को देख वो मूरत बनाई गई या इस महिला का अक्स ही माटी से गढ़ दिया गया?

26

वायरल पोस्ट क्या है?

 

“इस फोटो को शेयर करते हुए एक फेसबुक यूजर ने लिखा, “जिस महिला को देखकर ‘स्टैचू ऑफ लिबर्टी’ की मूर्ति बनाई गई थी, उसकी तस्वीर।”

 

फेसबुक पर बहुत सारे लोग वायरल फोटो को ‘स्टैचू ऑफ लिबर्टी’ की प्रेरणा बताते हुए शेयर कर रहे हैं।

36

फेक चेक (Fake Check)

 

वायरल पोट्रेट तस्वीर की सच्चाई जानने हमने हमने गूगल सर्च किया। तस्वीर को सेव करके गूगल रिवर्स सर्च इमेज करने पर हमें कई रिजल्ट मिले। सोशल मीडिया पर जिस महिला की फोटो को ‘स्टैचू ऑफ लिबर्टी’ की प्रेरणा बताया जा रहा है, वो बास उटरवाएक नाम के एक आर्टिस्ट की कल्पना है जिसे आर्टि‍फि‍शियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाया गया था। वहीं अमेरिका का ‘स्टैचू ऑफ लिबर्टी’ रोम की देवी ‘गॉडेस ऑफ लिबर्टी’ से प्रेरित है।

 

46

सच्चाई क्या है?

 

अमेरिका की ऐतिहासिक धरोहरों की देखरेख करने वाली संस्था ‘नेशनल पार्क सर्विस’ के मुताबिक, ‘स्टैचू ऑफ लिबर्टी’ की मूर्ति साल 1886 में बनी थी। इस मूर्ति का चेहरा और इसके परिधान रोम की ‘गॉडेस ऑफ लिबर्टी’ से प्रेरित हैं।

 

वायरल फोटो को रिवर्स सर्च के जरिये तलाशने पर ये हमें ‘याहू डॉट कॉम’ वेबसाइट की एक रिपोर्ट में मिली। रिपोर्ट के मुताबिक, ये फोटो नीदरलैंड के एम्स्टर्डम शहर में रहने वाले आर्टिस्ट बास उटरवाएक ने आर्टि‍फि‍शियल इंटेलि‍जेंस तकनीक की मदद से बनाई थी। रिपोर्ट में लिखा है कि ये तस्वीर उटरवाएक की कल्पना है कि ‘स्टैचू ऑफ लिबर्टी’ का इंसानी रूप कैसा होता।

56

उटरवाएक ने 6 नवंबर 2020 को ये फोटो अपने ट्विटर और फेसबुक अकाउंट्स के जरिये शेयर की थी।

 

एक इंटरव्यू में उटरवाएक बताते हैं, “मेरा मकसद है, उन सभी लोगों की सजीव तस्वीरें बनाना, जिनकी मृत्यु फोटोग्राफी के आविष्कार से पहले ही हो गई थी। आर्टि‍फि‍शियल इंटेलिजेंस की मदद से लोगों के पोर्टेट बनाने के लिए मैं आर्ट ब्रीडर नाम का सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करता हूं।”
‘न्यूयॉर्क पोस्ट’ की एक रिपोर्ट में भी वायरल तस्वीर के बारे में यही जानकारी है।

66

ये निकला नतीजा

 

पड़ताल से साफ हो जाता है कि  ‘स्टैचू ऑफ लिबर्टी’ नाम से वायरल महिला की फोटो आर्टि‍फि‍शियल इंटेलि‍जेंस की मदद से बनाई गई एक काल्पनिक तस्वीर मात्र है। ये किसी भी तरह से ऐतिहासिक तथ्यों से जुड़ी नहीं है।  

 

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos