Jio अनाज और गोदाम को लेकर वायरल हुई बोरियों की फोटो, FACT CHECK में जानें इन तस्वीरों का सच

फैक्ट चेक डेस्क.  किसान आंदोलन को एक महीना पूरा हो गया है। किसान अभी भी नए कृषि बिल का विरोध रहे हैं। इसके साथ ही किसान बड़े बिजनसमैन अंबानी-अडानी का विरोध भी जता रहे हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर जियो अनाज की बोरियों की तस्वीरें काफी वायरल हो रही हैं। किसी पर ‘जियो बेस्ट शरबती गेहूं’ लिखा है तो किसी पर ‘जियो फाइनेस्ट क्वॉलिटी इंडियन पल्सेज’रिलायंस जियो जैसी देश की नामी-गिरामी कंपनी का नाम अनाज की बोरियों पर देखकर कुछ लोग हैरत में हैं तो कुछ इसे किसानों के खिलाफ साजिश करार दे रहे हैं। लोगों का दावा है कि नए कृषि बिल से जियो का अनाज भारी कीमतों पर बिकने लगेगा। फैक्ट चेक में आइए जानते हैं कि आखिर इन बोरियों की तस्वीरों को सच क्या है? 

Asianet News Hindi | Published : Dec 26, 2020 9:38 AM IST

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Jio अनाज और गोदाम को लेकर वायरल हुई बोरियों की फोटो, FACT CHECK में जानें इन तस्वीरों का सच

इन अनाज की बोरियों वाली फोटो के साथ लोग आरोप लगा रहे हैं कि कृषि कानून रिलायंस जियो के मालिक मुकेश अंबानी जैसे लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए ही लाया गया है।

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वायरल पोस्ट क्या है? 

 

नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनोज लुबना ने भी जियो के लोगो वाली बोरियों में भरे जा रहे गेहूं की फोटो शेयर करते हुए लिखा, “कानून बाद में बने है और थैले पहले।”

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एक फेसबुक यूजर ने जियो के लोगो वाली बोरियों में भरे जा रहे गेहूं की तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, “रिलायंस को मोदी जी पर पूरा भरोसा है, Jio का अनाज गोदाम ही तैयार नहीं हुआ बल्कि बोरियों पर भी नाम छप चुका है। #FarmersProtests”

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फैक्ट चेक

 

इस दावे और बोरियों की तस्वीर की जांच-पड़ताल करने हमने गूगल पर सर्च कीं। तो माजरा साफ हुआ दरअसल सोशल मीडिया पर जियो के लोगो वाली अनाज की बोरियों की जो तस्वीरें शेयर हो रही हैं, उनसे रिलायंस जियो का कुछ लेना-देना नहीं है। ये बोरियां बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं और कई थोक व्यापारी इनमें अनाज भरकर बेचते हैं। ये जियो के प्रचार वाली बोरियां हैं न कि इनमें जियो का अनाज भरा है। 
 

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सच्चाई क्या है? 

 

हमने पाया कि कई शॉपिंग वेबसाइट्स ‘जियो बेस्ट शरबती गेहूं’ वाली बोरियों में अनाज बेचते हैं। ऐसी और भी कंपनियां हैं जिनके नाम में जियो शब्द आता है। महाराष्ट्र की ‘श्री जियो एग्रो फूड प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड’ और ‘जियो फ्रेश’ ऐसी ही कंपनियां हैं। रिलायंस फ्रेश के बाद अब जियो फ्रेश मार्केट भी शुरू हो गया है।  

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ये निकला नतीजा 

 

पड़ताल से साफ है कि स्थानीय फैक्ट्रियों में बनने वाली जियो के लोगो वाली अनाज की बोरियों के जरिये भ्रम फैलाया जा रहा है। सोशल मीडिया का ये दावा कि रिलायंस जियो ने अपना अनाज बाजार में उतारने की तैयारी कर ली है, झूठा है। 

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