FACT CHECK: लॉकडाउन में उन्नाव रेप केस के दोषी कुलदीप सेंगर को मिली जमानत, जानें सच क्या?

नई दिल्ली. पूरे देश में लॉकडाउन चल रहा है वहीं सोशल मीडिया पर उन्नाव बलात्कार कांड के दोषी कुलदीप सेंगर की रिहाई की खबरें वायरल हो रही हैं। वायरल हो रहे कई पोस्ट में यह दावा किया जा रहा है कि सेंगर को हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है। दावे के मुताबिक लॉकडाउन के बीच वो जमानत लेकर घर जा चुका है। इस खबर पर अधिकतर यूजर्स गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। वायरल होने के बाद हमने इसकी जांच-पड़ताल की तो सच्चाई सामने आई। 

 

फैक्ट चेकिंग में आइए जानते हैं कि लॉकडाउन में कुलदीप सेंगर की रिहाई का पूरा माजरा क्या है? 

Asianet News Hindi | Published : May 26, 2020 7:49 AM IST / Updated: May 26 2020, 01:21 PM IST

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FACT CHECK: लॉकडाउन में उन्नाव रेप केस के दोषी कुलदीप सेंगर को मिली जमानत, जानें सच क्या?

उन्नाव रेप के काफी चर्चा में रहा है। पीड़िता ने दोषी और पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर बलात्कार और जान से मारने की कोशिश के आरोप लगाए थे। इसके कई दूसरे लोगों का भी नाम शामिल था। सेंगर को दोषी पाए जाने के बाद जेल भेज दिया गया था। पूरे देश में इस केस की चर्च रही थी। अब लॉकडाउन में सेंगर के इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत मिलने की खबर वायरल हो रही है। 

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क्या है वायरल पोस्ट में?

 

फेसबुक यूजर ‘Guddu Rao’ ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा है, ”उन्नावरेपकांड चर्चित उन्नाव रेप कांड के दोषी भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को हाई कोर्ट से मिली जमानत । अब सवाल यह उठता है कि जिस जज ने जमानत दिया है, अगर पीड़िता उसी जज की बेटी होती, तो भी वह जज जमानत दे देता क्या..? इस हैवान ने पीड़िता के पूरे खानदान को मार डाला, फिर भी उस जज को तरस नहीं आया जिसने जमानत दे दी ।।लानत है ऐसे जजों पर ।।। वह जज जज नहीं बल्कि जज के भेष में छुपा हुआ भेड़िया है ।।”

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क्या दावा किया जा रहा है? 

ट्विटर पर सेम पोस्ट को आरूषी रावत ने भी शेयर किया है। पड़ताल किए जाने तक इस पोस्ट को करीब 800 से अधिक लोग शेयर कर चुके हैं। फेसबुक के अलावा ट्विटर पर भी अनगिनत यूजर्स ने इस पोस्ट को समान दावे के साथ शेयर किया है। 
 

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सच क्या है? 

 

‘कुलदीप सेंगर’ की-वर्ड से न्यूज सर्च करने पर हमें ‘दैनिक जागरण’ में 23 मई को प्रकाशित खबर का लिंक मिला। इसके मुताबिक, ‘उन्नाव दुष्कर्ष पीड़िता के चाचा को हाई कोर्ट से जमानत मिली थी।’ रिपोर्ट के मुताबिक, ‘इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने उन्नाव दुष्केर्म पीड़िता के चाचा को धोखाधड़ी व कूटरचना के एक मामले में जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्तिम विकास कुंवर श्रीवास्तव की एकल सदस्यीय पीठ ने दिया।’ हमें सर्च में ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिसमें दोषी कुलदीप सेंगर को जमानत दिए जाने का जिक्र हो।

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फैक्ट चेकिंग 

 

गौरतलब है कि उन्नाव रेप कांड में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने 20 दिसंबर 2019 को बीजेपी से निष्कासित विधायक कुलदीप सेंगर उम्र कैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उन्हें 25 लाख रुपये जुर्माना भरने का भी आदेश दिया गया है। तीस हजारी कोर्ट से सजा पाने के बाद से ही कुलदीप सेंगर दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। उसके जमानत की खबर झूठी है।

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इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने उन्नाव गैंगरेप पीड़िता के चाचा को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है।’इलाहाबाद हाई कोर्ट की वेबसाइट पर मौजूद आदेश की कॉपी में भी महेश सिंह को जमानत दिए जाने का जिक्र है। इसमें कुलदीप सेंगर का नाम नहीं है। 

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ये निकला नतीजा
 

उन्नाव रेप कांड के दोषी और पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत मिलने के दावे के साथ वायरल हो रही पोस्ट फर्जी है। तीस हजारी कोर्ट से सजा मिलने के बाद से ही कुलदीप सेंगर तिहाड़ जेल में बंद हैं।

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