सच क्या है
पड़ताल में पाया की ये वायरल क्लिप इंटरनेट पर जुलाई 2016 से मौजूद है और ऐसा प्रतीत होता है की ये घटना बांग्लादेश से है। हमें एक और वीडियो मई 18, 2016 को अपलोड हुआ मिला जिसमें उस वक़्त के रेलवे मंत्रालय के प्रवक्ता अनिल सक्सेना यह बता रहे थे कि वे इस वीडियो की जांच कर रहे थे।
ये निकला नतीजा
ये वीडियो हाल का नहीं है बल्कि कई साल पुराना है और लोग इसे जानबूझकर फर्जी दावों के साथ मजदूरों के पलायन से जोड़कर शेयर कर रहे हैं। हालांकि इस वीडियो की लोकेशन और घटना को लेकर हमें कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिली है लेकिन हम इस बात की पुष्टि कर सके की यह वीडियो जुलाई 2016 से इंटरनेट पर मौजूद है और इसके बांग्लादेश से होने की सबसे अधिक संभावना है।