Fact Check: नेपाल बॉर्डर पर भिड़त में 7 भारतीय जवान शहीद; झूठा है ये दावा और पुरानी हैं तस्वीरें

फैक्ट चेक डेस्क. Nepal Killed Seven Indian Soldiers Fact Check: सीमा पर तनाव के बीच कुछ लोग सोशल मीडिया पर भी तनाव फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। पाकिस्‍तान के एक यूजर्स ने दो तस्‍वीरों के जरिए यह अफवाह फैलाने की कोशिश की कि नेपाल की सेना ने 7 भारतीय सैनिकों की जान ले ली। सोशल मीडिया पर बीते दो दिनों से दो तस्वीरें तेजी से शेयर की जा रही हैं। 

 

फैक्ट चेकिंग में आइए जानते हैं कि आखिर सच क्या है?

Asianet News Hindi | Published : Jul 7, 2020 12:35 PM IST / Updated: Jul 07 2020, 06:17 PM IST
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Fact Check: नेपाल बॉर्डर पर भिड़त में 7 भारतीय जवान शहीद; झूठा है ये दावा और पुरानी हैं तस्वीरें

इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर धड़ाधड़ शेयर किया जा रहा है। तस्वीर के साथ नेपाल और भारत के बॉर्डर पर हिंसक झड़प होने के दावे किए जा रहे हैं। चीन-भारत के बीच सीमा विवाद के बीच लोग नेपाल के आक्रामक रवैये की बातें कहकर ये तस्वीरें फैला रहे हैं। 

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वायरल पोस्ट क्या है? 

 

इरमक ईड्या के नाम के एक ट्विटर अकाउंट ने दो फोटो शेयर की है। कैप्शन में लिखा है, भारत-नेपाल सीमा पर भारतीय सेना द्वारा शुरू किए गए सीजफायर उल्लघंन में तीन नागरिक घायल हो गए। जवाब में नेपाली सैनिकों ने सात भारतीय सैनिकों को मार गिराया। 

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क्या दावा किया जा रहा है?

 

ट्विटर हैंडल Arslan Khan ने दावा किया कि नेपाल ने पेट्रोलिंग करके भारत के 7 सिपाहियों को शहीद कर दिया। इसके पोस्ट के साथ दो तस्वीरें वायरल की जा रही हैं। 
 

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फैक्ट चेक 
 

वायरल पोस्‍ट में इस्‍तेमाल की गई दोनों तस्‍वीरों की सच्‍चाई जानने के लिए अलग-अलग पड़ताल की।

 

पहली फोटो-  सबसे पहले हमने पहली तस्‍वीर को गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च किया। सबसे पुरानी तस्‍वीर हमें nepalitimes.com पर मिली। 14 मई 2020 को पब्लिश संपादकीय में तस्‍वीर का इस्‍तेमाल किया गया। इस तस्‍वीर को नेपाल की राष्‍ट्रीय समाचार समिति (RSS) के फोटोग्राफर ने क्लिक की थी। फोटो के कैप्‍शन में बताया गया कि नेपाल की सीमा के अंदर ब्‍यास गांव में महाकाली नदी के किनारे पैट्रोलिंग करती हुई नेपाल की आर्म्‍ड फोर्स।

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दूसरी तस्वीर- दूसरी फोटो भी गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया तो ओरिजनल तस्‍वीर हमें इंडिया टुडे की वेबसाइट पर मिली। 3 मई 2015 की न्‍यूज में इस तस्‍वीर का इस्‍तेमाल किया गया था। खबर के अनुसार, ये शव असम राइफल्‍स के जवानों के हैं। मतलब यह तस्‍वीर आज से करीब पांच साल पुरानी है। इसका नेपाल से कोई संबंध नहीं है। वायरल पोस्‍ट के दावों को सेना के प्रवक्‍ता ने खंडन करते हुए बताया कि वायरल पोस्‍ट फेक है।

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ये निकला नतीजा 

 

वायरल पोस्‍ट की जांच की तो यह फर्जी निकली। भारतीय सेना ने भी इसका खंडन किया। नेपाल आर्मी के जवानों की पैट्रोलिंग और असम राइल्‍फस के शहीद जवानों की पांच साल पुरानी तस्‍वीरों के जरिए यह झूठ फैलाया गया।

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