JNU में विरोध प्रदर्शन करने पर इंदिरा गांधी ने सरेआम मंगवाई थी माफी, जानें इस वायरल मैसेज का सच
नई दिल्ली. जेएनयू में बीते कुछ दिनों से काफी हंगामा बरपा हुआ है। जनवरी शुरुआत में ही कुछ नकाबपोश हमलावारों ने छात्रों और शिक्षकों पर हमला कर दिया था। वहीं संशोधित नागरिकता कानून पर भी जमकर विरोध प्रदर्शन हुए हैं। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया जा रहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल के दौरान जेएनयू में विरोध प्रदर्शन करने के लिए सीताराम येचुरी से सरेआम माफी मंगवाई थी। आज से 45 साल पहले की ये तस्वीर जमकर शेयर की जा रही है।
ट्विटर पर ये पोस्ट जमकर शेयर की जा रही है। तो आइए जानते हैं आखिर क्या है इसकी सच्चाई......?
इंफोसिस के पूर्व निदेशक और निजी इक्विटी निवेशक मोहनदास पई ने 1977 से कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी की एक तस्वीर पोस्ट की है। इसमें वह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सामने एक लेटर पढ़ते नजर आ रहे हैं। इस पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि, इंदिरा गांधी ने विश्वविद्यालय चांसलर के पद रहते हुए येचुरी से इस्तीफा मांगते हुए उनसे सरेआम माफी मंगवाई थी। जबकि आज के समय में अमित शाह ने जेएनयू के छात्रों के साथ कोई सख्ती नहीं बरत रहे हैं।
वायरल हो रही इस फोटो में दावा किया जा रहा है कि, 1975 में इंदिरा गांधी जेएनयू की चांसलर थीं। और आपातकाल के दौरान जब यूनिवर्सिटी में विरोध प्रदर्शन किए गए तो तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा ने तब के जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष सीताराम येचुरी से इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर दिया। साथ ही उन्होंने सरेआम माफी भी मंगवाई थी। इस तस्वीर को धड़ाधड़ शेयर किया जा रहा है। कहीं लिखा गया कि, 1975 में इंदिरा गांधी जेएनयू में भारी पुलिस बल के साथ दाखिल हुईं, सीपीआई नेताओं को पीटा गया फिर सीताराम येचुरी से इस्तीफा देने को मजबूर किया गया।
अब बात आती है कि क्या वाकई 1975 में ऐसा हुआ था? क्या इंदिरा गांधी ने सीतारम येचुरी से माफी मंगवाई थी? ये तस्वीर जेएनयू की ही है? ये सभी सवाल दिमाग में उठते हैं तो जब हमने इस फोटो की गूगल रिवर्स सर्च इमेज के द्वारा जांच की तो सच्चाई कुछ और ही सामने निकलकर आई। तो हम आपको बता दें कि ये तस्वीर झूठे दावे के साथ शेयर की जा रही है। दरअसल " 5 सितंबर, 1977 को सीताराम येचुरी जेएनयू में एक छात्र नेता के रूप में इंदिरा गांधी के सामने एक ज्ञापन को पढ़ते रहे थे जिसमें वह विश्वविद्यालय के चांसलर यानि (इंधिरा गांधी) से ही उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।" इस विरोध के बाद इंदिरा गांधी ने खुद इस्तीफा दे दिया था।
हम आपको बता दें कि वायरल हो रही तस्वीर के साथ सभी दावे झूठे हैं। हिंदुस्तान टाइम्स अखबार में छपी ये फोटो 1975 में नहीं बल्कि 1977 सितंबर में ली गई थी। तब इस तस्वीर में येचुरी नहीं बल्कि इंदिरा गांधी छात्र संगठन के विरोध के बाद इस्तीफा देकर चुपचाप चली गई थीं। सीताराम येचुरी ने खुद उस तस्वीर से जुड़े दावों को खारिज कर दिया। ये तस्वीर पहले भी वायरल की जा चुकी है।