लॉकडाउन में बंद बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में नाचते दिखे मोर...नजारा देख खुश हुए लोग, पर सच कुछ और

नई दिल्ली. कोरोना वायरस के कारण फैली महामारी के कारण पूरा देश बंद कर दिया गया है। लॉकडाउन के बीच शहरों में प्रदूषण काफी कम हो गया है। ऐसे में लोग सोशल मीडिया पर साफ हो चुके नदी, तालाब, झील और जंगलों की तस्वीरें शेयर कर रहे हैं। हालांकि इसमें फेक दावों की भी भरमार है। बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर मोर-मोरनी के जोड़ों की तस्वीर वायरल हो रही है। लोगों का दावा है कि लॉकडाउन के बीच बंद पड़े बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में सैकड़ों मोर खुलेआम दाने चुगते नजर आए। 

 

ये तस्वीर देख लोग प्रकृति का नजारा देख खुशी से झूम उठे। पर लोग तस्वीर से जुड़ा सच नहीं जानते थे। यानडेक्स (Yandex) पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें फोटो से जुड़ी असली जानकारी मिली। फैक्ट चेकिंग में आइए हम आपको बताते हैं कि ये फोटो कहां कि और कब की है? 

Asianet News Hindi | Published : Apr 25, 2020 8:25 AM IST / Updated: Apr 25 2020, 01:58 PM IST
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लॉकडाउन में बंद बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में नाचते दिखे मोर...नजारा देख खुश हुए लोग, पर सच कुछ और

सोशल मीडिया पर शेयर हो रही एक तस्वीर में कई सारे मोर, तोते और अन्य पक्षियों को रास्ते पर दाना चुगते हुए देखा जा सकता है> यूज़र्स तस्वीर को शेयर करते हुए इसे ऊटी-कोयम्बटूर रोड की बता रहे हैं। ये तस्वीर सोशल मीडिया में ऊटी-कोयम्बटूर रोड, BHU कैम्पस, पुणे, चंडीगढ़, कोल्हापुर की बताकर शेयर हो रही है। 

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वायरल पोस्ट क्या है? 

 

ट्विटर पर सुशील श्रीवास्तव ने फोटो को शेयर कर लिखा ये फोटो लॉकडाउन के बीच खीची गई है। ये बीएचयू का नजारा है। 

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क्या दावा किया जा रहा है? 

 

 

वहीं फ़ेसबुक यूज़र जीवन अमृत ने ये तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, ऊटी-कोयम्बटूर रोड, उनके असली मालिकों से भर गया है। ये दृश्य काफ़ी प्यारा है। अब हमें समझ में आएगा कि हमने कुदरत को अब तक कितना नुकसान पहुंचाया है।” अमृत की इस पोस्ट को आर्टिकल लिखे जाने तक 4,200 बार शेयर किया जा चुका है। 

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सोशल मीडिया पर ये फोटो कोई पुणे की बता रहा है तो कोई चंडीगढ़ की। प्रो केरला’ नाम की एक वेबसाइट ने इस तस्वीर को शेयर करते हुए इसे लॉकडाउन से जुड़ी हुई बताया। वेबसाइट के मुताबिक ये तस्वीर शिवाजी यूनिवर्सिटी, कोल्हापुर कैम्पस की है। इंस्टाग्राम पर ये तस्वीर काफी वायरल है। 

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सच क्या है? 

दरअसल ये तस्वीर लॉकडाउन के बीच सामने नहीं आई है ये एक साल पहले से ही इंटरनेट पर मौजूद है। यानडेक्स (Yandex) पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर ट्विटर हैन्डल ‘@AyazBuriroPPP’ द्वारा 4 सितंबर, 2019 को ट्वीट की गई ये तस्वीर मिली। यूज़र ने तस्वीर को सिंध, पाकिस्तान के थारपारकर जिले का बताया है। इससे ये बात तो साफ़ हो जाती है कि ये तस्वीर कम से कम एक साल पुरानी है। लेकिन  ये तस्वीर पाकिस्तान की नहीं है। 

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गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें ‘vama_amav’ नाम के एक इंस्टाग्राम अकाउंट ने ये तस्वीर 29 जून, 2019 को पोस्ट की हुई मिली। ‘vama_amav’ ने बताया कि ये वायरल तस्वीर उन्होंने तो नहीं खींची है लेकिन ये जगह चंडीगढ़ का छतबीर चिड़ियाघर है। वमा ने कहा कि उन्होंने ये जगह देखी हुई है। सितम्बर 2019 के ट्वीट से एक बात तो साफ़ हो जाती है कि कई सारे मोरों को दिखाती ये तस्वीर क़रीब एक साल पुरानी है। इस तस्वीर का कोरोनावायरस से जुड़े लॉकडाउन से कोई लेना-देना नहीं है। 

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ये निकला नतीजा- 

 


हम ये दावा नहीं कर सकते कि तस्वीर चंडीगढ़ की है या नहीं लेकिन लॉकडाउन से इसका कोई संबंध नहीं है और फोटो एक साल पुरानी है। वहीं ये तस्वीर बीएचयू की बिल्कुल नहीं है। तकरीबन एक साल पुरानी तस्वीर, सोशल मीडिया पर अलग-अलग जगह की बताकर शेयर हो रही है। ऐसी अफवाहों से बचें। 

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