FACT CHECK: सोना मत, आज रात सोए तो सब पत्थर बन जाओगे, सच्चाई जान लो
नई दिल्ली. कोरोना वायरस ने भारत में पैर पसार लिए हैं। देश में संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 500 से ज्यादा हो गई है वहीं अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू घोषित किया था जो सक्सेजफुल रहा। पर इसी रात को साढ़े तीन बजे जगह-जगह फोन बजना चालू हो गए। हर दूसरा शख्स अपनों को जगा रहा था और कह रहा था सोओ मत, आज रात सोए तो आप पत्थर के बन जाओगे। उत्तर प्रदेश में इस खबर से इतना हड़कंप मचा कि लोग सारी रात सोए नहीं। फैक्ट चेक में आइए जानते हैं आखिर क्या है माजरा?
Asianet News Hindi | Published : Mar 24, 2020 4:57 AM IST / Updated: Mar 24 2020, 04:27 PM IST
कोरोना वायरस के कहर के बीच 22 मार्च को जनता कर्फ्यू रहा और लोग घरों में बंद रहे। इस बीच शाम को पांच बजे पीएम मोदी के कहे अनुसार लोगों ने डॉक्टरों, वर्कर्स आदि के काम में लगे रहने का धन्यवाद किया। थाली, ताली, शंखनाद से लोगों देश गूंज उठा। पर रात को एक खबर ने लोगों में हड़कंप मचा दिया।
वायरल पोस्ट क्या है? सोमवार सुबह लगभग साढ़े 3 बजे बहुत से लोगों को अपने शुभचिंतकों के फोन मिले। खासतौर पर यूपी के इलाकों में ये आम हो गया। लोगों ने अपने रिश्तेदारों और अपनों को जगाया और कहने लगे कि, सोइए मत आज रात को सोने वाले पत्थर के बन जा रहे है। 'जो आज रात को सोया वह पत्थर बन जाएगा।' अचानक लोगों के मोबाइल पर यह मैसेज आने लगे कि अगर आज रात को सोए तो पत्थर बन जाओगे। इसके बाद डर की वजह से लोग आने अपने घरों से निकल कर सड़कों पर आ गए और एक-दूसरे से पूछताछ करने लगे।
अफवाहों का आलम यह था कि महिलाएं अपने घरों में पूजा-पाठ करने लगीं और मुस्लिम समाज के लोगों ने मस्जिदों का रुख कर लिया और वहां बैठ कर दुआएं मांगने लगे। रात दो बजे के बाद तक लोग अपने-अपने घरों के बाहर खड़े रहे। सड़कों और चौराहों पर लोगों का भारी हुजूम जमा हो गया था।
क्या दावा किया जा रहा? इस खबर को इस दावे के साथ वायरल किया गया था कि 22 मार्च रात 3 से साढ़े तीन बजे के बीच पृथ्वी के पास से ऐसी कास्मिक किरणें गुजरती हैं जिससे अपने करीब मोबाइल रखकर सोने वालों की मृत्यु हो सकती है। इसलिए लोगों को जगाया गया था।
क्या दावा किया जा रहा? इस खबर को इस दावे के साथ वायरल किया गया था कि 22 मार्च रात 3 से साढ़े तीन बजे के बीच पृथ्वी के पास से ऐसी कास्मिक किरणें गुजरती हैं जिससे अपने करीब मोबाइल रखकर सोने वालों की मृत्यु हो सकती है। इसलिए लोगों को जगाया गया था।
दावे की सच्चाई क्या है? कोरोना के कहर के बीच वायरल किया गया ये मैसेज पूरी तरह फर्जी था। लोगों को जानबूझकर गुमराह करने के लिए ये मैसेज शेयर किया गया। ये अफवाह यूपी के इलाकों में साल 2012 में जनवरी के दौरान खूब उड़ी थी। उस समय पुलिस को कई इलाकों में गश्त लगाना पड़ा था। अब दोबारा ये अफवाह फैलाई गई लेकिन सही-सही इस बात का पता न चल सका कि आखिर यह अफवाह उड़ी कैसे।
नतीजा कोरोना वायरस से देश में लोग संक्रमित हो रहे हैं दहशत का माहौल है। ऐसे में अपने घरों में सुरक्षित रहें। सेल्फ आइसोलेटेड रहें और साफ-सफाई से रहें। घर से बाहर ज्यादा न निकलें ज्यादा लोगों के संपर्क में आने से बचें। इन अफवाहों पर भरोसा करके आप मुसीबत को न्यौता दे सकते हैं।