सच क्या है?
4 जुलाई की प्रेस रिलीज़ में भारतीय आर्मी ने साफ़ किया, “जिस जगह के बारे में बात की जा रही है, वो 100 बेड की एक यूनिट है जो कि क्राइसिस के समय बनायी गयी थी और ये जनरल अस्पताल का ही एक हिस्सा है। Covid-19 के चलते जनरल अस्पताल के कुछ वॉर्ड्स को आइसोलेशन वॉर्ड में बदलना पड़ा था। इसलिए जिस हॉल का अमूमन ट्रेनिंग ऑडियो वीडियो हॉल की तरह से इस्तेमाल होता था, उसे एक वॉर्ड में तब्दील कर दिया गया क्यूंकि इस अस्पताल में भी कोरोना के मरीज़ आये हुए थे।
चोटिल जवानों को गलवान से आने पर शुरू से ही वहीं पर रखा गया है जिससे वो Covid-19 के प्रभाव से दूर ही रहें। चीफ़ ऑफ़ आर्मी स्टाफ़ जनरल एम एम नरावणे और आर्मी कमांडर ने भी यहीं पर घायल सैनिकों से मुलाक़ात की थी।”