50 सालों में एक बार ही खिलता है भगवान का भेजा ये दुर्लभ फूल? जानें वायरल तस्वीर का पूरा सच

फैक्ट चेक डेस्क.  Queen Sago god send this flower: सोशल मीडिया पर एक अलग-से दिखने वाले फूल की तस्वीर वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि यह फूल भगवान का भेजा गया विशेष फूल है और यह पचास सालों में केवल एक बार ही खिलता है। सोशल मीडिया पर इस फूल को शिवलिंग फ्लावर कहा जा रहा है लोग श्रद्धा भाव के साथ इसे साझा कर रहे हैं। पर फूल से जुड़ी सच है या झूठ इस पर शंका बनी हुई थी। ऐसे में हमने इसकी पूरी सत्यता जानने की कोशिश की।  

 

तो फैक्ट चेक में आइए जानते हैं कि आखिर सच्चाई क्या है? 

Asianet News Hindi | Published : Aug 16, 2020 12:47 PM IST / Updated: Aug 16 2020, 06:24 PM IST

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50 सालों में एक बार ही खिलता है भगवान का भेजा ये दुर्लभ फूल? जानें वायरल तस्वीर का पूरा सच

ये फूल की तस्वीर फेसबुक,ट्विटर पर कई भाषाओं में कैप्शन डालकर शेयर की जा रही है। 

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वायरल पोस्ट क्या है? 

 

फेसबुक पर मराठी भाषा में शेयर किए गए इस पोस्ट का हिंदी अनुवाद है: यह विचित्र फूल स्वामी समर्थ महाराज का फूल उडुम्बर या उम्बर (क्लस्टर फिग) है। दर्शन करें व आशीर्वाद लें। यह फूल किसी को दिखता नहीं है। यह ओम्कार फूल है और 50 साल में एक बार ही खिलता है। यह प्रकृति की महिमा है। इसे फॉरवर्ड करें, ताकि लोग इसके दर्शन कर सकें।

 

फेसबुक पर यह पोस्ट “Kishori Malawadkar Upare As” ने साझा की है।

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फैक्ट चेक

 

वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने फूल की तस्वीर को क्रॉप कर इसे गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से ढूंढा। हमें पता चला कि यह तस्वीर कई भाषाओं में और अलग-अलग दावों के साथ सोशल मीडिया पर घूम रही है। इसके बाद हमने इस लिंक से ही फूल की तस्वीर को डाउनलोड किया और फिर से गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से ढूंढा। गूगल इमेज सर्च पर हमें पहले वाले ही रिजल्ट मिले। इसके बाद हमने इसे बिंज रिवर्स इमेज सर्च पर ढूंढा तो यहां हमें न्यू इंडियन एक्सप्रेस के एक आर्टिकल का लिंक मिला।

 

मार्च 2017 में प्रकाशित हुए इस आर्टिकल के अनुसार, यह डायनासोर के समय का फॉसिल ट्री है, पौधों का सबसे पुराना ग्रुप, जिसने 20 करोड़ से भी ज्यादा सालों के बाद भी अपने अस्तित्व को बचा कर रखा। इसलिए ही इन्हें लिविंग फॉसिल्स भी कहा जाता है।

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हमें यह तस्वीर विकिपीडिया पर भी मिली। यहां इस तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा गया है: विचित्र नुकीले माइक्रोस्पोरोफिल्स के साथ साइकस आरिक्सेंसिस का मेल कोन।

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इससे यह पुख्ता हो गया कि न तो यह क्लस्टर फिग है और न ही शिवलिंग फ्लावर। अरान्या एन्वायरन्मेंटल ऑर्गेनाइजेशन के वाइस प्रेसिडेंट प्रणय तिजारे से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि की कि तस्वीर में दिख रहा पौधा 50 साल में एक बार खिलने वाला ओम्कार फूल या क्लस्टर फिग नहीं है। यह साइकस परिवार का एक पौधा है।

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ये निकला नतीजा 

 

वायरल पोस्ट में नजर आ रहा पौधा कोई विचित्र फूल उडुम्बर या क्लस्टर फिग ट्री या शिवलिंग फ्लावर नहीं है। यह साइकस प्लांट की तस्वीर है, फैक्ट चेक के बाद ये साबित होता है कि वायरल पोस्ट फर्जी है।

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