Fact Check: राहुल, सोनिया गांधी की चीन से मिलीभगत के दावे से वायरल हुई तस्वीर, जानें पूरा मामला

नई दिल्ली.  भारत और चीन के बीच बॉर्डर विवाद के बाद से पूरे देश में गुस्सा है। राजनीतिक गहमागहमी के बीच सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट रहा है। बायकाट चाइनीज के हैशटैग ट्रेंड में हैं। 15 जून की रात लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए।  बॉर्डर पर मई से ही तनाव बढ़ रहा था। इस संकट को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर सवाल खड़े किए। इस आलोचना के बाद सोशल मीडिया पर राहुल गांधी और सोनिया गांधी की चीनी नेताओं के साथ एक तस्वीर वायरल हो रही है। बीजेपी आईटी सेल चीफ अमित मालवीय ने चीन और कांग्रेस की मिलीभगत बताते हुए गांधी परिवार की चाइनीज़ नेताओं के साथ 2008 की तस्वीर शेयर की।

 

फैक्ट चेक में आइए जानते हैं कि इसमें सच क्या है? 

Asianet News Hindi | Published : Jun 21, 2020 2:53 PM IST / Updated: Jun 21 2020, 08:25 PM IST

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Fact Check: राहुल, सोनिया गांधी की चीन से मिलीभगत के दावे से वायरल हुई तस्वीर, जानें पूरा मामला

इस तस्वीर ने सोशल मीडिया पर काफी गर्मी बढ़ा दी है। तस्वीर में राहुल गंधी, प्रियंका गांधी और रॉबर्ट वाड्रा नजर आ रहे हैं। 

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वायरल पोस्ट क्या है? 

 

2008 में सोनिया गांधी और उनके पूरे परिवार की चीन यात्रा महत्वपूर्ण है। इसके बाद, वह या उसके किसी भी बच्चे को कोई सार्वजनिक पद नहीं मिला, फिर उन्होंने किस आधार पर चीनी आतिथ्य स्वीकार किया? डोकलाम से लेकर लद्दाख तक परिवार का हित राष्ट्रीय हित से ऊपर क्यों है?
 

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क्या दावा किया जा रहा है? 

 

फेसबुक, ट्विटर पर दावा किया जा रहा है कि, राहुल, सोनिया गांधी साल 2008 में चीनी नेताओं से मिले थे जिसके कारण आज लद्दाख में ये हिंसा हुई है।  
 

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फ़ैक्ट-चेक

 

वायरल फोटो की फैक्ट चेकिंग पर सामने आया कि,  2008 में कांग्रेस के तत्कालीन जनरल सेक्रेटरी राहुल गांधी ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की मौजूदगी में बीजिंग में चीन के उपराष्ट्रपति के साथ मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) पर साइन किए थे। इंडिया टुडे में 7 अगस्त 2008 को प्रकाशित रिपोर्ट में इस समझौते के बारे में लिखा है, “कांग्रेस और चाइनीज़ कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) के बीच नियमित उच्च स्तरीय लेन-देन में मदद करने वाला मेकेनिज़्म” रिपोर्ट में आगे कहा गया कि “इससे एकदूसरे को द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विकास को बढ़ाने का मौका मिलेगा।” 

 

मालवीय का ये दावा कि गांधी परिवार चीनी नेताओं से 2008 में मिला था, सही है लेकिन जो तस्वीर उन्होंने शेयर की वो 2017 की है।
 

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सच क्या है? 

 

रिवर्स इमेज सर्च ने में हमें ये तस्वीर चीनी दूतावास की वेबसाइट पर मिली, जहां 21 अप्रैल 2017 को यह तस्वीर अपलोड की गई थी। तब कांग्रेस नेताओं ने नई दिल्ली के होटल ताज पैलेस पर चाइनीज़ फ़ूड फेस्टिवल का आयोजन किया था। इस फ़ेस्टिवल में भाजपा नेताओं ने भी हिस्सा लिया था, नीचे लगी तस्वीर सुरेश प्रभु की है। सोशल मीडिया पर गांधी परिवार का 2008 में चीन दौरा दिखाने के लिए 2017 की तस्वीर शेयर की गई।

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ये निकला नतीजा 

 

LAC पर बढ़ते तनाव ने फ़ेक न्यूज़ की बाढ़ ला दी है। सोशल मीडिया पर गांधी परिवार की चीन से मिलीभगत का दावा झूठा है। वायरल की जा रही तस्वीर 2017 के एक नई दिल्ली के होटल ताज पैलेस पर चाइनीज़ फ़ूड फेस्टिवल का आयोजन की है जिसमें कई बड़े-बड़े नेता शामिल हुए थे। ये तस्वीर किसी साजिश का हिस्सा नहीं थी। 

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