मासूम बच्चों संग जेल में डाली गईं रोहिंग्या महिलाएं, 'भैया हमें बचा लो' कह लगाई गुहार, जानें सच

नई दिल्ली. रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर अब एक नई खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इस पोस्ट में मुस्लिम महिलाओं को डिटेंशन सेंटर पर कैद दिखाया जा रहा है। तस्वीर के साथ ऑडियो भी है जिसमें एक महिला खुद को बचाने की गुहार लगा रही है। इस फोटो को भारत में डिटेंशन संटर होने की अफवाह के तहत शेयर किया जा रहा है। महिला का ऑडियो सुन लोग मदद के लिए इस वीडियो को जमकर शेयर कर रहे हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 3, 2020 6:24 AM IST / Updated: Jan 03 2020, 11:56 AM IST

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मासूम बच्चों संग जेल में डाली गईं रोहिंग्या महिलाएं, 'भैया हमें बचा लो' कह लगाई गुहार, जानें सच
हालांकि तस्वीर को लेकर जब फैक्ट चेकिंग की गई तो माजरा कुछ ही निकला। आइए जानते हैं क्यों वायरल हो रहा है ये ऑडियो......
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ट्विटर हैंडल @GoSlowplz ने 30 दिसंबर, 2019 को एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा है, “कृपया इन महिलाओं को बचाइए, क्या किया है पीएम मोदी ने।” वीडियो में एक फोटो है जिसमें महिलाओं और बच्चों को जेल में कैद देखा जा सकता है। इसे शेयर करते हुए दावा किया गया है कि इन महिलाओं को जेल में बंद किया गया है। वीडियो के बैकग्राउंड में एक महिला की आवाज है, जो कह रही है – “भैया, वो दिन आ चुका है। यहां देखो इस तरह से बेटी के साथ अन्याय हो रहा है, कोई मदद करने के लिए नहीं आया। भैया, अगर मेरा भाई होंगे, तो ज़रुर शेयर करेगा, अगर भाई नहीं होगा तो नहीं शेयर करेगा।
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वीडियो हाल के नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ चल रहे विरोध और नए डिटेंशन सेंटर बनाए जाने की ख़बरों की पृष्ठभूमि में साझा किया जा रहा है। एक अन्य यूजर @IndurChhugani ने इसे शेयर करते हुए लिखा गया है, “महिलाओं को जेल में डाला गया है, वे आपकी मदद की गुहार लगा रही हैं।” इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि रोहिंग्या शरणार्थी मुस्लिम महिलाएं जेल में कैद हैं उन्हें बचाया जाना चाहिए।
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वायरल हो रहे इस ऑडियो की जांच की गई तो ये पूरी तरफ फर्जी निकला। वीडियो में दिख रहे दृश्य को यांडेक्स पर रिवर्स इमेज सर्च किया गया तो हमने पाया कि ये तस्वीर 2015 से इंटरनेट पर मौजूद है। 7 अप्रैल, 2015 को Rohingya Vision नामक यूट्यूब चैनल ने इस तस्वीर को प्रसारित किया था। इस वीडियो रिपोर्ट के अनुसार, “मानव तस्करों द्वारा प्रताड़ित किए जाने की वजह से एक रोहिंग्या बच्चे की मौत हो गई।” ये फोटो भारत में कहीं किसी क्षेत्र से जुड़ी नहीं पाई गई। वहीं arakanna.com नामक अरेबिक वेबसाइट पर यह तस्वीर 15 अप्रैल, 2015 को प्रकाशित एक लेख में अपलोड की गई थी।
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इस जानकारी के आधार पर हमें गूगल पर कीवर्ड्स सर्च करने से ऐसे कुछ रिपोर्ट मिले, जिसमें थाईलैंड में मानव तस्करों की शिकार हुए रोहिंग्या मुस्लिम की खबर दी गई है। पर भारत के डिटेंशन सेंटर या मुस्लिम महिलाओं के जेल में बंद होने की कोई जानकारी हमें नहीं मिली। इंटरनेट पर मौजूद कुछ वेबसाइट के अनुसार, यह तस्वीर 2015 की है, जो थाईलैंड के जेलों में म्यांमार से भाग कर आए अरेकान को दर्शाती है। इसीलिए इसका भारत में हाल की गतिविधियों से कोई संबंध नहीं है।
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