'साधू की चिलम से 300 लोगों में फैला कोरोना, एक-एक सुट्टा मार हुए संक्रमित', जानें पूरी बात

नई दिल्ली. कोरोना के कारण लाखों लोगों ने दुनिया भर में अपनी जान गंवा दी है। हाथ मिलाने और संक्रमित चीजों को छूने से कोरोना फैलता है। इस बीच खबर सामने आ रही है कि, मंदिर में रहने वाले एक साधु ने अपनी चिल्लम से 300 लोगों को कोविड-19 से संक्रमित कर दिया। इस खबर से सोशल मीडिया पर हड़कंप मच गया। लोगों ने इस खबर को तेजी से शेयर करना शुरू कर दिया। पिछले दो ढाई महीने से घरों में कैद लोग हैरान है कि कैसे कोरोना को लेकर मंदिर के पुजारी और साधू जागरूक नहीं हैं।  सोशल मीडिया पर ये खबर एक फोटो के साथ तेसी से वायरल हो रही है। वायरल पोस्ट को देखकर लगता है इसमें कुछ तो झोल है।

 

तो फैक्ट चेकिंग में हम आपको बताते हैं कि साधू की चिलम से कोरोना (Sadhu ki chillum 300 positive covid 19) वाली खबर का पूरा मामला क्या है?

Asianet News Hindi | Published : May 11, 2020 1:00 PM IST / Updated: May 11 2020, 07:13 PM IST

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'साधू की चिलम से 300 लोगों में फैला कोरोना, एक-एक सुट्टा मार हुए संक्रमित', जानें पूरी बात

हिंदी न्यूज़पेपर के रिपोर्ट जैसी प्रतीत होती एक क्लिपिंग सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ वायरल हो रही है। लोग जयपुर के ट्रांसपोर्ट नगर इलाक़े का मामला बता रहे हैं। हर कोई इस खबर को शेयर कर रहा है। 

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वायरल पोस्ट क्या है? 

 

फेसबुक पर शकील खान ने लिखा, जयपुर के ट्रांसपोर्ट नगर इलाक़े  में मंदिर में रहने वाले एक साधु ने अपनी चिल्लम से 300 लोगों को कोविड-19 से संक्रमित कर दिया। शकील ने एक न्यूट क्लिप शेयर की है। 

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न्यूज़ रिपोर्ट जैसी दिखने वाली इस क्लिपिंग का हेडलाइन है: जयपुर में साधू के एक चिलम से 300 लोग हुए कोरोना पॉजिटिव, मचा बवाल रिपोर्ट का सार है की जयपुर के ट्रांसपोर्ट नगर इलाके में एक मंदिर में कुछ साधू रहते थे और वहाँ पूजा हेतु उन्होंने गायें भी पाल रखी थी। यह साधु मंदिर से दूध भी बेचा करते थे जो आस पास के रहने वाले ख़रीदने लगे थे और लोग वहां गायों को चारा डालने भी आते थे। 

 

 

इनमे से एक साधू को चिलम फ़ूंकने की आदत थी और वो अक्सर चौराहे पर अन्य लोगो के साथ चिलम फ़ूंका करता था | बाद में यही साधू कोरोना वायरस के लिए पॉजिटिव पाया गया | इसके बाद उस इलाके के करीब 300 लोगों को जो किसी न किसी तरीके से इस साधू के संपर्क में आये थे, होम क्वारंटाइन कर दिया गया। 

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यह क्लिप ट्विटर पर कई बार शेयर की गयी है। वायरल हुए खबर को सांप्रदायिक रंग देने की भी कोशिश हुई है जब कई लोगों ने सोशल मीडिया पर इसे तब्लीग़ी जमात के मरकज़ से जोड़कर कर दिखाने की कोशिश की थी। 

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सच क्या है? 

 

हालांकि इस रिपोर्ट में भी कहीं इन 300 लोगो के कोरोना पॉजिटिव होने की बात नहीं कही गयी है पर लेख का हैडलाइन काफ़ी गुमराह करने वाला है। हालांकि जयपुर में अधिकारीयों ने इस रिपोर्ट में किये गए दावों को सिरे से नकार दिया। प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) का एक फ़ैक्ट चेक मिला जिसमे इस खबर का खंडन करते हुए इस फ़र्ज़ी बताया गया है |
 

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ये निकला नतीजा

 

 

रजनीश शर्मा, उप निदेशक, सूचना एवम जनसम्पर्क कार्यालय जयपुर ने बताया, "उपखंड अधिकारी जयपुर श्री युगान्तर शर्मा एवं सी.एम.एच.ओ (प्रथम) श्री नरोत्तम शर्मा से साधुओं में कोरोना संक्रमण संबंधित समाचार का परीक्षण करा लिया गया है। परीक्षण में पाया गया है कि यह समाचार भ्रामक एवम झूठे तथ्यों पर आधारित है। ऐसी कोई घटना संदर्भित क्षेत्र में नहीं हुई। अतः सूचित किया जा सकता है कि समाचार फ़ेक है।"
 

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