FACT CHECK. ब्राह्मण राजपूतों का खून होता है गर्म, कोरोना वायरस से नहीं होगा इन्फेक्शन
मुंबई. कोरोना वायरस (COVID-19) से भारत में मरीजों और संक्रमित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में सोशल मीडिया पर इसके लेकर अफवाहें भी पैर पसार रही हैं। सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस को लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं। कहीं तुलसी के रस और लहसुन के उबले पानी को कोरोना का इलाज बताया जा रहा है। तो कहीं शराब से कोरोना वायरस ठीक हो जाने की बात कही जा रही है। अब सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस को लेकर नया दावा सामने आया है। इस दावे में लोगों का कहना है कि कोरोना वायरस भारत में सवर्ण जातियों का कुछ नहीं बिगाड़ सकता। फैक्ट चेकिंग में आइए जानते हैं कि आखिर क्या है सच्चाई?
Asianet News Hindi | Published : Mar 16, 2020 1:33 PM IST / Updated: Mar 24 2020, 04:38 PM IST
कोरोना का कहर भारत में भी देखने को मिल रहा है। देश में अब तक करीब 100 से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं। विदेशी पर्यटक जो भारत घूमने आए हैं या भारतीय जो विदेश घूमकर आए हैं, अधिकतर कोरोना को लेकर लौटे हैं।
आगरा से हनीमून पर गया एक कपल भी कोरोना वायरस के साथ आया है। ऐसे में लोग वायरस से काफी डरे हुए हैं। वहीं इसको लेकर झूठी खबरों का भी अंबार लगा हुआ है।
सोशल मीडिया पर एक न्यूज चैनल की खबरों के स्क्रीनशॉट शेयर किए जा रहे हैं। इनमें खबर के तौर पर लिखा है कि राजपूत, ब्राह्मण, कायस्थ जैसी जातियों का खून गर्म होता है तो उन्हें कोरोना वायरस का इन्फेक्शन नहीं होगा।
फेसबुक, ट्विटर पर वायरल हो रही इन तस्वीरों में दावा किया जा रहा है कि भारत में कोरोना वायरस भले आ गया हो लेकिन वो सवर्ण जाति वालों का कुछ बिगाड़ नहीं सकता है। ब्रेकिंग न्यूज के साथ दावा कर रहे हैं कि कोरोना का संक्रमण कुछ जाति के लोगों को नहीं होगा क्योंकि उनका खून गर्म होता है।
इन स्क्रीनशॉट में कुछ जातियों के नाम भी लिए गए हैं। मुस्लिम समुदाय अलग नवाब और खान को लेकर ऐसे ही दावे कर रहा है।
अब बात आती है कि वायरल हो रहे इन स्क्रीनशॉट्स की सच्चाई क्या है? क्या वाकई किसी न्यूज चैनल ने कोरोना वायरस को लेकर ऐसा दावा किया है? जी नहीं, किसी भी न्यूज चैनल ने कोरोना वायरस को लेकर ऐसी कोई खबर नहीं चलाई है।
ये महज सोशल मीडिया पर बैठे धुरंधरों की कुराफात है। ये मीम्स के तौर पर फोटोशॉप करके बनाए गए स्क्रीनशॉट्स हैं।
कोरोना वायरस को लेकर जाति-सांप्रदाय से जोड़कर भी लोग फर्जी खबरें और दावे फैला रहे हैं। इन पर विश्वास नहीं करना चाहिए। कोरोना का खौफ इतना ज्यादा है कि सोशल मीडिया पर इसके लेकर अफवाहें भी पैर पसार रही हैं। इससे पहले भी कई दावे किए गए।कहीं तुलसी के रस और लहसुन के उबले पानी को कोरोना का इलाज बताया जा रहा है।
तो कहीं शराब से कोरोना वायरस ठीक हो जाने की बात कही जा रही है। आइसक्रीम जैसी चीजें खाने से कोरोना का खतरा बढ़ने की भी बात कही गई। हालांकि ये सभी दावे झूठे निकले।
कोरोना वायरस एक जानलेवा सांस की बीमारी है। इसके लक्षण फ्लू और मौसमी बुखार से मिलते-जुलते हैं। कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर ही आपको प्रभावित कर सकता है। इस बीमारी को हंसी-मजाक में उड़ाना भी हानिकारक है तो इसको लेकर घबराने की भी जरूरत नहीं है।