सच क्या है?
दरअसल अखबार जलाए जाने की ये तस्वीर मीडिया के बहिष्कार की नहीं बल्कि समाजवादी पार्टी के सममर्थकों द्वारा दैनिक जागरण अखबार के विरोध की हैं। अखबार द्वारा छापी गई खबर एक गलती थी जिसके लिए अख़बार ने खेद भी व्यक्त किया था। दैनिक जागरण के गोरखपुर संस्करण में अप्रैल 24 को एक रिपोर्ट छपी थी जिसके मुताबिक लॉकडाउन हटने के बाद शराब सस्ते दामों पर बिकने का अंदेशा जताया गया था।
इसी लेख के साथ जागरण ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की तस्वीर भी प्रकाशित की थी। इस तस्वीर पर पार्टी समर्थकों ने गुस्सा जाहिर किया और अखबार का बहिष्कार कर प्रतियां जलाई गईं।