पुलिस संग जामिया स्टूडेंट्स को पीटने वाले को हेलमेट मैन को बताया था ABVP वर्कर, जान लीजिए सच्चाई
नई दिल्ली. जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में नागरिकता कानून के विरोध प्रदर्शन के दौरान एक शख्स की फोटो जमकर वायरल हो रही है। इस फोटो में ये शख्स लाल रंग की शर्ट और हेलमेट पहने लड़कियों को लाठी बरसाने की मुद्रा में नजर आ रहा है। सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि, ये शख्स कोई पुलिसवाला नहीं बल्कि आरएसएस या एबीवीपी का बताया जा रहा है। सोशल मीडिया पर लोगों ने दावा किया कि जामिया छात्रों को पीटने वाला ये शख्स एबीवीपी का कार्यकर्ता भरत शर्मा है। हालांकि दिल्ली पुलिस ने जब खुद आगे आकर इस मामले पर सफाई दी तो बात की सच्चाई सामने आई।
Asianet News Hindi | Published : Dec 18, 2019 9:58 AM IST / Updated: Dec 18 2019, 03:33 PM IST
जामिया प्रदर्शन के बाद सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म ट्विटर फेसबुक पर सिविल कपड़ों में ब्लू जींस और रेड सहित सिर पर हेलमेट पहने शख्स की फोटो वायरल हो गई। लोग सवाल उठाने लगे ये कौन सी पुलिस है? NSUI दिल्ली ने ट्विटर पर वीडियो पोस्ट करते हुए लगा कि ये ‘भरत शर्मा ABVP का सदस्य है, आप देख सकते हैं कि वो डंडा लेकर स्टूडेंट्स को पीट रहा है।’
इस विरोध प्रदर्शन में इस शख्स की फोटो और फेसबुक प्रोफाइल वायरल हुई। इसके अलाइस विरोध प्रदर्शन में इस शख्स की फोटो और फेसबुक प्रोफाइल वायरल हुई। इसके अलावा कुछ लोगों ने दावा किया कि भरत ने पुलिस के साथ मिलकर जामिया के स्टूडेंट्स को पीटा था। ये पोस्ट जमकर वायरल हुई। हालांकि दावे की सच्चाई कुछ और निकली। वा कुछ लोगों ने दावा किया कि भरत ने पुलिस के साथ मिलकर जामिया के स्टूडेंट्स को पीटा था। ये पोस्ट जमकर वायरल हुई। हालांकि दावे की सच्चाई कुछ और निकली।
15 दिसंबर को जामिया में हुई झड़प के बाद वायरल हुई फोटो में लड़कियों पर लाठी लहराने वाला शख्स एबीवीपी का नहीं है। साधारण कपड़ों में पुलिस के साथ प्रोटेक्टिव जैकेट और हेलमेट पहने खड़ा शख्स कोई भरत शर्मा है नहीं बल्कि पुलिस कर्मी ही है। DCP (सेंट्रल) एमएस रंधावा ने खुद सफाई दी, ‘वो भरत शर्मा नहीं है। ये एक झूठ है, जो सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा है। जिस आदमी के लिए बात की जा रही है, वो AATS का एक कॉन्स्टेबल है, जो उस दिन लॉ एंड ऑर्डर ड्यूटी के लिए तैनात पुलिसकर्मियों के साथ था।’
दिल्ली पुलिस ने इस वायरल फोटो को एबीवीपी कार्यकर्ता बताने वाले दावे को खारिज कर दिया। डीसीपी रंधावा ने कहा कि, दिल्ली पुलिस की इमेज खराब करने के लिए यह सब किया गया।