खबरदार जनगणना अधिकारी बनकर चोर घरों में करते हैं लूटपाट? जानें इस वायरल मैसेज का सच

Published : Sep 15, 2020, 06:59 PM ISTUpdated : Sep 15, 2020, 07:23 PM IST

फैक्ट चेक डेस्क.  सोशल मीडिया पर इन दिनों एक मैसेज ख़ूब वायरल हो रहा है। मैसेज में दावा किया गया है कि भारत सरकार ने उन चोरों के बारे में चेतावनी जारी की है जो जनगणना अधिकारियों और आयुष्मान भारत योजना के लिए डाटा एकत्र करने के बहाने घरों में घुसकर चोरी और लूटपाट करते हैं।  फैक्ट चेक में आइए जानते हैं कि आखिर सच क्या है?   

PREV
16
खबरदार जनगणना अधिकारी बनकर चोर घरों में करते हैं लूटपाट? जानें इस वायरल मैसेज का सच

लोग व्हाट्सएप ग्रुप्स और फेसबुक पर इस मैसेज को साझा कर रहे हैं। कोरोना महामारी के बीच डकैती को लेकर ये पोस्ट सनसनी मचाए हुए है।

26

वायरल पोस्ट क्या है? 

 

अदिति धर नाम की एक यूजर ने एक फेसबुक पर पोस्ट शेयर की इसमें लिखा है धोखेबाजों से सावधान, एक ऐसा समूह घर-घर जाकर गृह मामलों के अधिकारी होने का नाटक कर रहा है। उनके पास गृह मंत्रालय के विभाग के दस्तावेज और लेटरहेड हैं और उनका दावा है कि उन्हें इस बात की पुष्टि करनी होगी कि सभी के पास आगामी जनगणना के लिए एक वैध पहचान पत्र है। वे घरों को लूट रहे हैं। ध्यान दें कि सरकार की ओर से ऐसी कोई पहल नहीं है। इस मैसेज को अपने फैमिली चैट ग्रुप में भेजें। कृपया अलर्ट रहें।।

 

36

बड़ी तादाद में फ़ेसबुक यूज़र्स ने मैसेज को इसी दावे के साथ शेयर किया है।

46

फ़ैक्ट चेक 

 

हमने ''होम अफेयर्स ऑफिसर लूट' कीवर्ड से गूगल सर्च किया। हमें भारत के किसी भी घोटाले के शिकार लोगों के बारे में या भारत सरकार के किसी भी सलाहकार की चेतावनी के बारे में किसी भी प्रकार की समाचार रिपोर्ट नहीं मिली। गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की वेबसाइट ने भी वायरल मैसेज के दावों से मेल खाती कोई प्रेस रिलीज़ या बयान जारी नहीं किया। हमने वायरल मैसेज का विश्लेषण किया और देखा कि मैसेज में दिए सरकारी विभागों और योजनाओं की लिखावट में भी गड़बड़ी है।

 

वायरल मैसेज में 'मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर्स' की जगह 'डिपार्टमेंट ऑफ़ होम अफेयर्स' लिखा है, जबकि 'आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना' को 'आयुष्यमान' लिखा गया है। आयुष्मान भारत, 40% से अधिक आबादी को स्वास्थ्य बीमा प्रदान करने वाली सरकारी योजना का नाम बदलकर प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना रखा गया है। 

56

जनगणना के लिए आधिकारिक तारीख खोजने पर पता चला कि सरकार ने अभी आधिकारिक तारीखों की घोषणा नहीं की है। द प्रिंट की रिपोर्ट की माने तो "इस साल के अंत तक जनगणना की गतिविधियों के शुरू होने की संभावना नहीं है।" 

 

हमने पाया कि 2016 से ही दुनियाभर में सोशल मीडिया पर एक ही मैसेज वायरल हो रहा था। हमने 2019, 2018, 2017 और 2016 के फ़ेसबुक पोस्ट देखे, जिनमें गृह मंत्रालय के अधिकारियों के रूप में चोर आम नागरिकों चूना लगा रहे थे। दक्षिण अफ्रीका के गृह मामलों के विभाग ने 2017 में इस तरह के एक घोटाले के खिलाफ चेतावनी जारी की थी। सरकार ने अप्रैल 2019 में चुनाव के दौरान भी ऐसे फ्रॉड से बचने के लिए नागरिकों को चेतावनी जारी की थी।

66

ये निकला नतीजा 

 

हमें सिंगापुर, मलेशिया और अमेरिका से न्यूज़ रिपोर्ट्स का पता चला, जिसमें इन दावों को ख़ारिज करते हुए इसे दक्षिण अफ्रीका से जोड़ दिया गया। 2019 में, क्विंट ने उसी दावे को खारिज कर दिया था और तब तो इसमें आयुष्मान भारत का दावा शामिल नहीं था। कुलमिलाकर जनगणना के नाम चोरों का घर आना फेक दावा है।

Recommended Stories