पापा..पापा कहते जिंदा जल गई इकलौती बेटी, लाडली चीखी भी..लेकिन चाहकर भी कुछ नहीं कर सका बेबस पिता

चंडीगढ़. सेक्टर 32 की एक पीजी में लगी आग के दौरान जिन 3 लड़कियों की मौत हुई थी, उसमें एक 21 साल की मुस्कान मेहता भी शामिल थी। जिस वक्त यह हादसा हुआ उस समय वो अपने पापा राजीव मेहता से फोन पर बात कर रही थी। कुछ देर बाद वो घबराकर आखिरी बार बोली-पापा.. पापा पीजी में आग लगी है, हम कमरे में फंस गए हैं, बहुत धुआं हो रहा है और उसको मोबाइल होल्ड हो गया। फिर राजीव बेटी की बात सुनकर बेबस हो गया और 250 किलोमीटर दूर चंडीगढ़ में बेटी को बचाने के अपने छोटे भाई दिनेश को फोन किया। मगर तब तक देर हो चुकी थी। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 23, 2020 8:26 AM IST / Updated: Feb 23 2020, 02:15 PM IST
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पापा..पापा कहते जिंदा जल गई इकलौती बेटी, लाडली चीखी भी..लेकिन चाहकर भी कुछ नहीं कर सका बेबस पिता
मुस्कान हिसार के रहने वाले एडवोकेट राजीव मेहता की बेटी हैं। वो चंडीगढ़ में एसडी कॉलेज में एमकॉम फर्स्ट इयर की स्टूडेंट थी। वहीं मुस्कान का छोटा भाई भी चंडीगढ़ में पढ़ाई कर रहा है। राजीव ने बताया कि हादसे के दौरान मेरी बेटी से बात हो रही थी। लेकिन कुछ ही सेकंड में उसका फोन कट गया था। हमें क्या पता था कि वो हमसे आखिरी बार बात कर रही है।
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हादसे में मारे जाने वाली लड़कियों की पहचान कपूरथला की रिया अरोड़ा, हिसार की मुस्कान कोटकपूरा की पाक्षी है। पुलिस को जहां रिया का शव 70% जले हालत में मिला। वहीं पाखी और रिया की डेडबॉडी मामूली जली हुई थी। जानकारी के मुताबिक, एक छात्रा की जहां झुलसने से तो 2 छात्राओं की दम घुटने से मौत हो गई। (बीच में मुस्कान मेहता)
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जिन दो लड़कियों ने इस भीषण आग से बचने के लिए अपनी जान बचाई उनके नाम जैसमीन और फेमिना हैं। दोनों का इस समय अस्पताल में इलाज चल रहा है। उन्होंने बताया कि आग ने देखते ही देखते इतना विकराल रूप ले लिया कि पहली मंजिल जलकर पूरी तरह राख हो गई। हमारे पास कूदने के अलावा और कोई चारा नहीं था।
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फेमिना ने बताया कि हादसे के दौरान पीजी में पाक्षी, रिया, मुस्कान और जैसमीन समेत कई लड़कियां थीं। सभी अपने-अपने काम में लगे थे। खाना खाने के बाद दोपहर में पढ़ाई करने बैठ गई। तभी अचानक से मुस्कान और पाक्षी की चिल्लाने की आवाज सुनाई दी। मुझे लगा कि वह मजाक कर रहीं हैं आपस में। लेकिन जब मैंने देखा तो वहां धुआं निकल रहा था और कमरे में चारों तरफ आग की लपटें निकल रही थीं। हमने उनको बचाने की बहुत कोशिश की लेकिन वह नहीं बच सकी।
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आसपास के लोगों ने बताया कि यह पीजी अवैध रूप से चलाया जा रहा था। इसका संचालन अगस्त 2018 से हो रहा था। इसमें करीब 34 छात्राएं रहती हैं। कोठी का मालिक गौरव अनेजा है, उसने नीतेश बंसल नामक व्यक्ति को किराए पर दिया था, जो यह पीजी चला रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अवैध तरीके से चलने की शिकायत हमने पहले कई बार पुलिस को दी थी। लेकिन इस मामले कोई भी कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस ने पीजी चलाने वाले नितेश बंसल के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे रात 12 बजे गिरफ्तार कर लिया है।
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पुलिस ने बताया कि इस कोठी में पीजी के लिए बिना शासन की अनुमति के टीनशेड लगाकर छोटे-छोटे कमरे बनाए गए हैं। इसमें बाहर निकलने का एक गेट था। पहले आग ने शेड को अपनी चपेट में लिया इसके बाद धीरे-धीरे पूरे मंजिल में आग लग गई। पुलिस ने पीजी चलाने वाले नितेश बंसल के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे रात 12 बजे गिरफ्तार कर लिया है।
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