सोनीपत, हरियाणा. जब सिर पर मुसीबत आ जाती है, तो लोग उसका समाधान भी खोज लेते हैं। इस किसान ने भी यही किया। इसे धान की कुटाई और झड़ाई के दौरान बड़ी परेशानी उठानी पड़ती थी। कभी मजदूर नहीं मिलते, तो कभी अन्य तरह से नुकसान हो जाता। एक बार नुकसान के कारण रातभर नींद नहीं आई। बस फिर क्या था, उसने एक एक मशीन बनाने की ठान ली, जिसने उसकी समस्या का समाधान कर दिया। यह हैं गोहाना के गांव सैनीपुरा के रहने वाले किसान सत्यवान। इन्होंने पुराने थ्रेसर से यह देसी जुगाड़ की मशीन (Desi jugaad machine) बनाई है। इसे ट्रैक्टर से जोड़कर चलाते हैं। इससे धान और पराली आसानी से अलग-अलग हो जाती है। इससे न सिर्फ समय की बचत होती है, बल्कि खेतों में परानी जलाने की समस्या से भी छुटकारा मिल गया। सत्यवान अब इस मशीन को आधुनिक रंग देना चाहते हैं। आगे पढ़ें सत्यवान की मशीन की कहानी...