पेनकिलर खाकर घर से ड्यूटी करने निकलती है यह लेडी ऑफिसर, पैरेंट्स टोकते हैं, तो मुस्करा देती है
पानीपत, हरियाणा. कोरोना महामारी को रोकने देश के डॉक्टर, हेल्थ वर्कर्स..स्वयंसेवी और निजी-सरकारी कर्मचारी पूरी शिद्दत से ड्यूटी निभा रहे हैं। इस दौरान उन्हें तकलीफों का सामना भी करना पड़ रहा है। कई जगह उन्हें सम्मान मिल रहा, तो कुछ जगहों पर अपमान भी झेलना पड़ रहा है। शारीरिक और मानसिक कठिनाइयों के बावजूद कोरोना वॉरियर्स का हौसला कम नहीं हो रहा। यह कहानी भी इसी से जुड़ी हैं। यह हैं पानीपत की ब्लॉक डेवलपमेंट पंचायत ऑफिसर(BDPO) रितु लाठर। एक एक्सीडेंट के बाद ये बैसाखी के सहारे चल रही हैं। लेकिन आज जब कोरोना से लड़ाई के लिए इनकी सेवाओं की जरूरत है, तो ये मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी कर रही हैं। ये पिछले 2 हफ्ते से रोज पेन किलर लेकर ड्यूटी पर निकलती हैं। लाजिमी है कि उनकी तबीयत देखकर परिजन परेशान होते हैं। वे कहते हैं कि रोज ड्यूटी पर जाने की क्या आवश्यकता? इस पर रितु मुस्करा देती हैं। वे कहती हैं कि आज लोगों को उनकी मदद की जरूरत है। अगर वे पब्लिक सर्विस में आई हैं, तो यह उनका फर्ज है कि मुसीबत में लोगों की मदद करें।
रितु घरौंडा के डींगर माजरा की रहने वाली हैं। अभी उनकी शादी नहीं हुई है। उनकी परिवार में माता-पिता और भाई हैं। रितु कहती हैं कि उन्हें लोगों की मदद करके सुकून मिलता है।
यह हैं मप्र पुलिस के कांस्टेबल किशोर सिंह परिहार। ये ड्यूटी के बाद मिलने वाले समय में अपने परिवार के साथ लोगों के लिए मास्क बना रहे हैं।
यह तस्वीर मध्य प्रदेश के जबलपुर की है। डायल 100 जब लोगों को खाना बांटकर लौट रही थी, तभी एक युवक ने बताया कि उसकी भाभी की डिलेवरी होना है, लेकिन कोई वाहन नहीं मिल रहा। इस पर पुलिस ने गर्भवती को हॉस्पिटल तक पहुंचाया।
पुलिसवाले दोहरी ड्यूटी निभा रहे हैं। इसलिए इनका सम्मान करें।
यह हैं मप्र के सागर जिले की खुरई तहसील के थाने की कांस्टेबल सृष्टि श्रोतिया। इन्होंने अपने थाने के स्टाफ के लिए खुद मास्क बनाए।
लॉक डाउन के दौरान लोगों तक जरूरी चीजें पहुंचाने वाले लोग भी किसी वॉरियर्स से कम नहीं।
ये भी कोरोना वॉरियर्स हैं। लॉक डाउन के कारण जानवरों का भी ख्याल रखना हमारी जिम्मेदारी है।
ड्यूटी के बाद भी पुलिसवाले संक्रमण को देखते हुए अपने घर नहीं जा पा रहे हैं।
यह मामला हरियाणा के करनाल का है। कोरोना वॉरियर्स को किन कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है, यह घटना उसी से जुड़ी है। यहां बयाना गांव में छुट्टी पर आए एक फौजी पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया। हमले में फौजी की दो उंगुलियां कट गईं। यह फौजी अपने गांव को संक्रमण से बचाने बाहर से आने-जाने वालों पर नजर रखे हुए था। जब उसने कुछ लोगों को गांव में आने से रोका, तो वे भड़क उठे और हमला कर दिया। कर्मबीर नामक यह फौजी श्रीनगर में तैनात है। जरूरत सहयोग की है, लड़ाई-झगड़ा करने की नहीं।