निकिता मर्डर केस: हत्या की गवाह सहेली ने बताया पूरा दृश्य क्या हुआ था उस दिन, जिसे याद कर डर जाती वो

फरीदाबाद (हरियाणा). बल्लभगढ़ में दो दिन पहले जिस बेहरमी से निकिता तोमर की हत्या की गई, उसको लेकर पूरे देश में गुस्सा है। मामला तूल पकड़ने के एक दिन बाद आरोपी तौसीफ को गिरफ्तार कर लिया गया है। जहां आरोपी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है, लेकिन उसको इस पर कोई पछतावा नहीं है। इस दिल दहला देने वाली घटना और मर्डर के वक्त निकिता के साथ उसकी एक सहेली भी थी, जो सीसीटीवी में दिखाई दे रही है। दो दिन बाद उसने मीडिया से बात करते हुए उस खौफनाक मंजर को बयां किया है। जिसको याद करके वो डर जाती है। पढ़िए निकिता मर्डर केस की पूरी कहानी...

Asianet News Hindi | Published : Oct 28, 2020 12:50 PM IST / Updated: Oct 28 2020, 06:26 PM IST

16
निकिता मर्डर केस: हत्या की गवाह सहेली ने बताया पूरा दृश्य क्या हुआ था उस दिन, जिसे याद कर डर जाती वो


दरअसल, सोमवार शाम जब तौसीफ ने निकिता की कनपटी पर गोली मारी तब यह सहेली महज 4 से 6 कदम दूर थी। उसने कहा कि निकिता मैं एक साथ एक ही कॉलेज में पढ़ती हूं। अक्सर दोनों साथ आया जाया करते थे। उस दिन हम सारे फ्रेंड्स पेपर देकर बात करते हुए बाहर निकल रहे थे। निकिता निकतले समय बहुत खुश थी, क्योंकि उसका पेपर अच्छा गया था। फिर हम थोड़ी दूर चले गए और वह पीछे रह गई। इतने में तौसीफ एक कार से अपने दोस्त के साथ वहां पर आ गया।

26


सहेली ने बताया कि तौसीफ कार से आया और निकिता को जबरन कार में बैठने के लिए कहने लगा। जब उसने मना किया तो वह उसके साथ मारपीट करते हुए उसे खींचने लगा। इतने में तौसीफ ने एक गन निकाल ली और उसे लहराने लगा। हम डर गए थे, निकिता मेरे पीछे छिपने लगी। इसी दौरान तौसीफ ने उसकी गर्दन में गोली मार दी और गाड़ी में बैठकर दोस्त के साथ फरार हो गया।

36


निकिता खून से लथपथ बीच सड़क पर पड़ी थी, कॉलेज के सामने भगदड़ मच गई और सब चिल्लाते हुए भागने लगे। इसी दौरान कुछ लोग वहां पर आए और उसको उठाकर अस्पताल तक पहुंचाया। 

46

निकिता के पिता मूलचंद तोमर ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि 'आज जो घटना हुई है उसमें कुछ गलती हमारी भी है। उन्होंन कहा कि साल 2018 में जब निकिता का अपहरण हुआ था तो हमने तौसीफ के परिवार के कहने पर समझौता कर लिया था। अगर उस दिन हमने जेल से नहीं छुड़ाया होता तो शायद आज हमारी बेटी जिंदा होती''। पिता ने कहा कि उस दौरान समझौता करने से ही आरोपी में इतनी हिम्मत आ गई। लेकिन क्या करते हमारे बड़े-बुजुर्गों की सलाह पर हमें बदनामी के डर से आरोपी से सुलह करनी पड़ी। हमको इस बात का बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि उस दिन का समझौता ही दो साल बाद बेटी निकिता का मौत का कारण बन जाएगा।

56

आरोपी तौसीफ के गिरफ्तार  होने के बाद भी उसके दिल में निकिता के लिए नफरत कम नहीं हुई है। सूत्रों के मुताबिक, आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसने हत्या करके अपना दो साल पुराना बदला पूरा किया है। जिसकी वजह से मेरा पूरा करियर खराब हो गया उसे कैसे जिंदा छोड़ देता।

66

8 प्वाइंट मेंः निकिता मर्डर केस की पूरी कहानी...

- 26 अक्टूबर को फरीदाबाद के बल्लभगढ़ के अग्रवाल कॉलेज में पेपर देकर लौट रही 21 साल की छात्रा निकिता की गोली मारकर हत्या कर दी गई। नूंह से कांग्रेस विधायक आफताब आलम के चचेरे भाई तौसीफ ने अपने दोस्त रेहान के साथ मिलकर सोमवार शाम 4 बजे घटना को अंजाम दिया।

- निकिता बी कॉम थर्ड ईयर की स्टूडेंट थी। पेपर देकर लौट रही निकिता को बीच रास्ते तौसीफ ने गाड़ी में खींचने की कोशिश की। इनकार करने पर तौसीफ ने उसे गोली मार दी। घटना के 5 घंटे बाद पुलिस ने तौसीफ और रेहान को गिरफ्तार कर लिया। दोनों दो दिन की पुलिस रिमांड पर हैं। बता दें, मुख्य आरोपी फिजियोथैरेपी का कोर्स कर रहा है।

- फरीदाबाद पुलिस की 10 टीम ने 5 घंटे में दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने मोबाइल नंबर बंद नहीं किया था। वह लगातार कुछ लोगों के संपर्क में थे। इसलिइए पुलिस के राडार से वो बच नहीं पाया।

- बता दें, तौसीफ 12वीं तक निकिता के साथ ही पढ़ा था। वो निकिता पर दोस्ती और धर्म बदलने के लिए दबाव बनाता था। कहता था, मुस्लिम बन जाओ, हम शादी कर लेंगे। 2018 में वो एक बार निकिता को किडनैप कर चुका है।

- 3 अगस्त 2018 को तौसीफ ने 3-4 सहेलियों के साथ निकिता को जबरदस्ती कार में बैठाया था। कुछ दूरी पर सहेलियों को उतारकर निकिता को किडनैप कर ले गया था। सहेलियों और परिजनो ने पुलिस को निकिता के अपहरण की जानकारी दी थी। जिसके बाद पुलिस ने 2 घंटे में उसे बरामद कर लिया था।

- पुलिस कमिश्नर ओपी सिंह ने बताया, घटना की जांच के लिए एसीपी क्राइम अनिल कुमार की अगुवाई में एसआईटी गठित कर दी गई है।

- बता दें, तौसीफ का परिवार पॉलिटिकली स्ट्रॉन्ग है। दादा कबीर अहमद पूर्व विधायक जबकि चचेरे भाई आफताब आलम मेवात जिले की नूंह सीट से कांग्रेस विधायक हैं। इतना ही नहीं, आफताब के पिता खुर्शीद अहमद हरियाणा सरकार में मंत्री रह चुके हैं। चाचा जावेद अहमद बसपा से जुड़े हैं।

- निकिता के पिता मूलचंद तोमर 25 साल पहले यूपी के हापुड़ जिले से बल्लभगढ़ आए थे। निकिता भाई-बहनों में छोटी थी। बड़ा भाई नवीन सिविल सर्विस की तैयारी कर रहा है, जबकि निकिता सेना में भर्ती होना चाहती थी।

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos