पानीपत/जालंधर. नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान दिल्ली बॉर्डर पर डटे हैं। 24 दिन से वह अपने परिवारों को छोड़कर हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। कई किसानों के साथ उनके बेटे भी आंदोलन का हिस्सा बने हुए हैं। ऐसे में घर पर उनकी गैरमौजूदगी में बेटियों ने सारी खेतीबाड़ी की जिम्मेदारी संभाल रखी है। वह घर में चूल्हे-चौंके का काम करके खेतों में निकल जाती हैं। इन तस्वीरों को देखकर आप भी कहेंगे कि भारत की बेटियां आज किसी से कम नहीं हैं।