शहीद के पार्थिव शरीर के साथ आए 10 राष्ट्रीय राइफल्स के सूबेदार दयाराम ने बताया कि 16 मई को आतंकवादियों को छुपे होने की सूचना मिली थी। इसके बाद 17 मई की सुबह जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना ने संयुक्त अभियान चलाया था। आतंकवादियों के हमले में राज सिंह घायल हो गए थे। इसके बावजूद उन्होंने एक आतंकवादी को मार गिराया था। (तस्वीर-पिता को अंतिम सलामी देता 10 साल का बेटा रिषभ)