सत्ता का क्रेज: किसी ने छोड़ी करोड़ों की नौकरी तो कोई छुट्टी पर, चुनाव के अनोखे उम्मीदवार
हरियाणा विधानसभा चुनाव में टिक टॉक स्टार, ओलंपिक चैंपियन से लेकर डाक्टर तक दांव आजमा रहे हैं। हरियाणा में कुछ सत्ता हासिल करने और कुछ गांवों के विकास का सपना लिए उम्मीदवार अपनी करोड़ों की नौकरी तो कोई बिजनेस छोड़ चुनावी रण में उतर आया है।
Asianet News Hindi | Published : Oct 10, 2019 6:49 AM IST / Updated: Oct 10 2019, 12:22 PM IST
हरियाणा में पुन्हाना से चुनाव लड़ रहीं नौक्षम चौधरी काफी चर्चा में हैं। नौक्षम लंदन में पब्लिक रिलेशन की 1 करोड़ रुपए की नौकरी छोड़कर हरियाणा के सबसे पिछड़े जिलों में से एक मेवात के पुन्हाना विधानसभा में चुनाव लड़ रही हैं। नौक्षम भाजपा की सीट पर चुनावी मैदान में हैं। पिता रिटायर्ड जज और मां बड़ी अधिकारी हैं। मिरांडा हाउस कॉलेज में छात्र संघ नेता रही नौक्षम ने अगस्त में ही भाजपा की सदस्यता ली थी। वह गांव का विकास करने विदेश से आई हैं। नौक्षम खूबसूरती के कराण भी सोशल मीडिया पर चर्चा में हैं।
अरुण बीसला पेटीएम से इंजीनियर की लाखों के पैकेज की नौकरी छोड़ नेतागिरी में चले हैं। वह बल्लभगढ़ विधानसभा से बहुजन समाज पार्टी की सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं। आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग से इंजीनियरिंग ग्रेजुएट अरुण की अच्छी खासी तनख्वाह थी। उनके दादा चौधरी सुमेर सिंह आजादी से पहले और आजादी के बाद विधायक रहे इसलिए वह इस विरासत को आगे बढ़ाना चाहते हैं।
कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में बतौर लेक्चरर कार्यरत डॉ. संतोष दहिया चुनाव में कूद पड़ी। इसके लिए बकायदा छुट्टी ले ली। वह जजपा पार्टी से लाडवा सीट पर चुनाव लड़ रही हैं। संतोष दहिया 2014 में बेरी विधानसभा से इनेलो की सीट पर भी चुनाव लड़ चुकी हैं।
हरियाणा की रेसलर बबीता फौगाट ने चुनाव के लिए अपनी इंस्पेक्टर की नौकरी छोड़ दी। बबीता यूं भी पहलवानी को लेकर काफी फेमस हैं। वे भाजपा की सीट पर चरखी दादरी से चुनाव लड़ रही हैं।
डॉ. राकेश कुमार डिप्टी सिविल सर्जन से राजनीति में आ गए। वह झज्जर में भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि डॉ. राकेश ने पिछली बार भी चुनाव लड़ने का प्रयास किया था लेकिन उन्हें वीआरएस नहीं मिल पाया था।
इसी तरह पहलवान योगेश्वर दत्त डीएसपी की नौकरी छोड़कर भाजपा के टिकट पर बरोदा विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं।