जबर्दस्त कार्यशैली ही इस लेडी IAS के लिए बनी टेंशन, दो सरकारों के बीच उलझी जिंदगी

चंडीगढ़. अच्छे काम भी कभी-कभार परेशानी का कारण बन जाते हैं। ऐसा ही कुछ झेल रही हैं 2008 बैच की लोकप्रिय IAS सोनल गोयल(Lady IAS Sonal Goyal) । ये पिछले 4 साल से हरियाणा में डेपुटेशन पर हैं। मूल रूप से ये त्रिपुरा कैडर से हैं। हरियाणा के पानीपत में जन्मी सोनल गोयल अपनी कार्यशैली के चलते हरियाणा सरकार की आंखों का तारा हैं। उनकी यही लोकप्रियता और कार्यशैली से प्रभावित होकर त्रिपुरा सरकार उन्हें वापस बुलाने का दवाब डाल रही है। जबकि वे 9 साल तक हरियाणा में अपनी सेवाएं दे सकती हैं। लेकिन त्रिपुरा सरकार चाहती है कि वे लौट आएं। बता दें कि सोनल गोयल ने सिविल सर्विसेज परीक्षा-2008 (Civil Services Examination) में 13वां स्थान हासिल किया था। वे त्रिपुरा को 8 साल दे चुकी हैं। सोनल का मानना है कि इस समय कोरोना संक्रमण को लेकर वे अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। इसी का हवाला देकर उन्होंने त्रिपुरा सरकार से कुछ समय मांगा है। लेकिन त्रिपुरा सरकार अपनी बात पर अड़ी हुई है। वहीं, हरियाणा सरकार भी उन्हें छोड़ना नहीं चाहती।

Asianet News Hindi | Published : Sep 18, 2020 12:14 PM IST / Updated: Sep 18 2020, 05:46 PM IST

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जबर्दस्त कार्यशैली ही इस लेडी IAS के लिए बनी टेंशन, दो सरकारों के बीच उलझी जिंदगी

सोनल गोयल हरियाणा या दिल्ली कैडर ही चाहती थीं, लेकिन उन्हें त्रिपुरा कैडर मिला। इनके पति आदित्य 2014 बैच के IAS अधिकारी हैं। ये दिल्ली में कस्टम में तैनात हैं।
 

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सोनल के मां किडनी की मरीज हैं। वे फरीदाबाद में रहती हैं। सोनल चाहती हैं कोरोना संक्रमण काल तक उन्हें हरियाणा में ही रहने दिया जाए। इससे वे अपनी मां का ख्याल भी रख सकेंगी और अपने दोनों छोटे बच्चों को भी सुरक्षा दे सकेंगी।

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बता दें कि सोनल गोयल ने हरियाणा में कई ऐसे काम किए, जो मिसाल बने। झज्जर की जिला उपायुक्त, फरीदाबाद नगर निगम की आयुक्त और गुरुग्राम में मिनी बस सेवा लिमिटेड में सर्विस देते समय उन्होंने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। प्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन को लेकर राज्य सरकार उन्हें पुरस्कृत कर चुकी है।

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सोनल की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनके सोशल मीडिया पर 7 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। सोनल को केंद्र सरकार अपने यहां बुलाना चाहती है, लेकिन त्रिपुरा सरकार के हठ के कारण उनकी डेपुटेशन पर संकट मंडरा रहा है।

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सोनल गोयल देश की टॉप-25 महिलाओं में शुमार हैं, जो अपने-अपने क्षेत्रों में बेहतरीन काम कर रही हैं।

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 बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के सफल क्रियान्वयन पर सोनल गोयल को मिनिस्ट्री ऑफ वूमेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट की तरफ से पुरस्कृत किया गया था।
 

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सोनल की कार्यशैली के चलते ही हरियाणा में आंगनबाड़ी सेंटरों की दशा सुधरी है।

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