तौसीफ की फैमिली का 'बैकग्राउंड' जानकर निकिता को लगा था 440 वोल्ट का करंट

फरीदाबाद, हरियाणा. बल्लभगढ़ के निकिता हत्याकांड में एसआईटी की जांच में कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं। पांच सदस्यीय एसआईटी का गठन एसीपी क्राइम अनील कुमार के नेतृत्व में किया गया है। जांच में सामने आया है कि बिगड़ैल तौसीफ की फैमिली का बैकग्राउंड भी साफ-सुथरा नहीं है। उसका एक मामा कुख्यात बदमाश है। पीड़ित परिवार का कहना है कि 2018 में तौसीफ ने खुद को राहुल राजपूत बताकर निकिता से दोस्ती करने की कोशिश की थी। लेकिन जब इसका पता चला, तो मृतका ने उससे दूरी बना ली। तौसीफ तब से उसे परेशान कर रहा था। वो उसे उठाकर अपने साथ ले जाना चाहता था। पुलिस की जांच में सामने आया है कि तौसीफ का मामा एक कुख्यात क्रिमिनल है। इस समय वो जेल में है। तौसीफ ने जिस तमंचे से निकिता को गोली मारी, वो उसे मामा के गुर्गे से ही मिला था। फरीदाबाद के पुलिस पीआरओ सूबे सिंह ने कहा कि देसी पिस्तौल को देने वाले शख्स अजरु को नूंह से गिरफ्तार किया गया है।  तौसीफ का मामा इस्लामुद्दीन हरियाणा और दिल्ली का कुख्यात बदमाश रहा है। उस पर कई हत्याएं, लूट व किडनैपिंग का आरोप है। गुड़गांव में उसने एक इंस्पेक्टर सुरेंद्र का किडनैप  भी किया था। आरोपी ने अपने पिता के दोस्ती की कार खरीदी थी, जिसे वो घटना के वक्त लेकर आया था। हालांकि उसने कागज अपने नाम नहीं कराए थे।  इस बीच पीड़ित परिवार ने मुख्यमंत्री से SIT टीम को बदलने की मांग की है। आरोप है कि तौसीफ के चाचा दबाव डाल रहे हैं।

Asianet News Hindi | Published : Oct 29, 2020 5:08 AM IST / Updated: Oct 29 2020, 04:44 PM IST

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तौसीफ की फैमिली का 'बैकग्राउंड' जानकर निकिता को लगा था 440 वोल्ट का करंट

यह तस्वीर पिछले साल निकिता के मौसेरे भाई की शादी की है। इसी 7 दिसंबर को उसके मामा की शादी होनी थी। लेकिन एकतरफा प्यार में सारी खुशियां खत्म हो गईं।

 

8 प्वाइंट मेंः निकिता मर्डर केस की पूरी कहानी...

- 26 अक्टूबर को फरीदाबाद के बल्लभगढ़ के अग्रवाल कॉलेज में पेपर देकर लौट रही 21 साल की छात्रा निकिता की गोली मारकर हत्या कर दी गई। नूंह से कांग्रेस विधायक आफताब आलम के चचेरे भाई तौसीफ ने अपने दोस्त रेहान के साथ मिलकर सोमवार शाम 4 बजे घटना को अंजाम दिया।

- निकिता बी कॉम थर्ड ईयर की स्टूडेंट थी। पेपर देकर लौट रही निकिता को बीच रास्ते तौसीफ ने गाड़ी में खींचने की कोशिश की। इनकार करने पर तौसीफ ने उसे गोली मार दी। घटना के 5 घंटे बाद पुलिस ने तौसीफ और रेहान को गिरफ्तार कर लिया। दोनों दो दिन की पुलिस रिमांड पर हैं। बता दें, मुख्य आरोपी फिजियोथैरेपी का कोर्स कर रहा है।

- फरीदाबाद पुलिस की 10 टीम ने 5 घंटे में दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने मोबाइल नंबर बंद नहीं किया था। वह लगातार कुछ लोगों के संपर्क में थे। इसलिइए पुलिस के राडार से वो बच नहीं पाया।

- बता दें, तौसीफ 12वीं तक निकिता के साथ ही पढ़ा था। वो निकिता पर दोस्ती और धर्म बदलने के लिए दबाव बनाता था। कहता था, मुस्लिम बन जाओ, हम शादी कर लेंगे। 2018 में वो एक बार निकिता को किडनैप कर चुका है।

- 3 अगस्त 2018 को तौसीफ ने 3-4 सहेलियों के साथ निकिता को जबरदस्ती कार में बैठाया था। कुछ दूरी पर सहेलियों को उतारकर निकिता को किडनैप कर ले गया था। सहेलियों और परिजनो ने पुलिस को निकिता के अपहरण की जानकारी दी थी। जिसके बाद पुलिस ने 2 घंटे में उसे बरामद कर लिया था।

- पुलिस कमिश्नर ओपी सिंह ने बताया, घटना की जांच के लिए एसीपी क्राइम अनिल कुमार की अगुवाई में एसआईटी गठित कर दी गई है।

- बता दें, तौसीफ का परिवार पॉलिटिकली स्ट्रॉन्ग है। दादा कबीर अहमद पूर्व विधायक जबकि चचेरे भाई आफताब आलम मेवात जिले की नूंह सीट से कांग्रेस विधायक हैं। इतना ही नहीं, आफताब के पिता खुर्शीद अहमद हरियाणा सरकार में मंत्री रह चुके हैं। चाचा जावेद अहमद बसपा से जुड़े हैं।

- निकिता के पिता मूलचंद तोमर 25 साल पहले यूपी के हापुड़ जिले से बल्लभगढ़ आए थे। निकिता भाई-बहनों में छोटी थी। बड़ा भाई नवीन सिविल सर्विस की तैयारी कर रहा है, जबकि निकिता सेना में भर्ती होना चाहती थी।
 

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निकिता की मौसेरी बहन राखी ने बताया कि वो बहुत मेहनती थी। जिस रोज घटना हुई, उसके एक रात पहले रात 2 बजे तक वो पढ़ती रही। सुबह 8 बजे उठकर फिर पढ़ाई की। मां के साथ काम में हाथ बंटाया और फिर पेपर देने गई। वहीं, मौसी मधु ने आक्रोश जताया कि अगर इस तरह हैवान घूमते रहे, तो बेटियों को पैदा करने का क्या फायदा।

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तौसीफ की आंच उनके चचेरे भाई आफताब अहमद तक आ पहुंची है। वे मेवात से कांग्रेस के विधायक हैं। हालांकि वे यही कहते हैं कि जुर्म करने वालों को कड़ी सजा मिले।

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निकिता की मौत से परिजन सदमे में हैं। वहीं, इस मामले ने राजनीति तूल भी पकड़ लिया है।

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निकिता के हत्यारे तौसीफ को फांसी पर चढ़ाने की मांग उठने लगी है।

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