10 रुपए में चाय बेचता है देश का नंबर वन लाइटवेट बॉक्सर, 'लूका' के नाम से पूरी दुनिया में मशहूर
नई दिल्ली. चाय की टपरी लगाकर गुजर-बसर करने वाले लोग आपने बहुत देखे होंगे। चाय की स्टाल चलाकर लोग घर चलाते हैं। पर हरियाणा का एक शख्स चाय का स्टाल सिर्फ इसलिए चलाता है ताकि वह बॉक्सिंग में में जा सके। हरियाणा के राजेश कुमार कसाना लाइटवेट केटेगरी में भारत के नंबर वन बॉक्सर हैं। पर उनकी जिंदगी का संघर्ष किसी की भी आंखे नम कर सकता है। आइए जानते है चाय वाले इस बॉक्सर की पूरी कहानी........
Asianet News Hindi | Published : Nov 11, 2019 7:02 AM IST / Updated: Nov 11 2019, 01:02 PM IST
हरियाणा के भिवानी में पले-बड़े कसाना विजेंदर सिंह को अपना आदर्श मानते हैं। उनका घर भी विजेंदर के घर से कुछ ही दूर है पर उतना आलीशान नहीं जितना विजेंदर का है। उनके जैसी शोहरत पाने के लिए उन्हें अभी बहुत संघर्ष करना है।
राजेश कसाना पूरे गाँव में ‘लूका’ के नाम से मशहूर हैं। राजेश अपना घर चलाने के लिए एक चाय की स्टॉल लगाते हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि, “मैं 10 रुपये की एक चाय और थोड़ा खाने का सामान बेचता हूँ। इसी से गुजारा कर रहा हूँ।” इस काम में उनके भाई भी मदद करते हैं।
गरीबी के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी है और लगातार बॉक्सिंग के सपने को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। वह सुबह 5 बजे से दोपहर 1 बजे तक चाय की दुकान चलाते हैं। इसके बाद दुकान पर उनका भाई रहता है और वह थोड़ा आराम करने के बाद शाम लगभग 6 बजे से प्रैक्टिस शुरू करते हैं।
राजेश बताते हैं कि उन्हें बॉक्सर बनते देखना उनके पिता का सपना था लेकिन कैंसर की बीमारी से पिता की मौत हो गई। इसके बाद राजेश की पढ़ाई भी छुट गयी क्योंकि उसे घर चलाने के लिए काम करना था। साल 2013 में अपनी इकलौती बहन कैंसर की बीमारी के कारण चल बसी।
राजेश ने अपने प्रफेशनल करियर की पहली फाइट मनप्रीत सिंह से की थी। उसके बाद से उन्होंने 10 में से 9 फाइट जीती, जबकि एक ड्रॉ रही।
उनके बॉक्सिंग के लेवल का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि वह लाइटवेट कटिगरी में भारत के नंबर वन बॉक्सर हैं। राजेश को अभी तक रॉयल स्पोर्ट्स प्रमोटर्स से बॉक्सिंग के लिए आर्थिक सहायता मिली है। हालांकि चाय बेचकर गुजारा करने वाला उनका संघर्ष कम नहीं हुआ।
राजेश ने अपने प्रफेशनल करियर की पहली फाइट मनप्रीत सिंह से की थी। उसके बाद से उन्होंने 10 में से 9 फाइट जीती, जबकि एक ड्रॉ रही। उनके बॉक्सिंग के लेवल का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि वह लाइटवेट कटिगरी में भारत के नंबर वन बॉक्सर हैं। राजेश को अभी तक रॉयल स्पोर्ट्स प्रमोटर्स से बॉक्सिंग के लिए आर्थिक सहायता मिली है।
हालांकि, अब वे अपने रोल मॉडल विजेंदर सिंह से मिलना चाहते हैं। राजेश ने विजेंदर से मिलने की कोशिश की, लेकिन वे मिल नहीं पाए। उनके बारे में राजेश कहते हैं, “मैं अब उनसे मिलना चाहता हूँ और यह जानना चाहता हूँ कि उनके जैसा प्रोफेशनल बॉक्सर कैसे बनूँ।” लूका के नाम से मशहूर राजेश की जिंदगी का संघर्ष खत्म हो तो वह देश का नाम फिर से रोशन कर सकते हैं।