TV से सीखा मर्डर का तरीका..फिर टीचर-पैरेंट्स मीटिंग में घुसकर प्रिंसिपल को कर दिया शूट, अब निकले आंसू
यमुनागर, हरियाणा. यह सनसनीखेज मर्डर 20 जनवरी 2018 को 'स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल' में हुआ था। इसी स्कूल में पढ़ने वाले 12th के छात्र ने टीचर-पैरेंट्स मीटिंग के दौरान प्रिंसिपल रितु छाबड़ा पर ताबड़फोड़ फायरिंग करके उनकी जान ले ली थी। आरोपी प्रिंसिपल के बात-बात पर डांटने से गुस्से में था। आरोपी शिवांश ने अपने पिता की सर्विस रिवॉल्वर से प्रिंसिपल को चार गोलियां मारी थीं। आरोपी ने बताया कि मर्डर का आइडिया उसे टीवी के किसी सीरियल को देखकर आया था। गुरुवार को जब उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई, तो वो रो पड़ा। कोर्ट जाते वक्त उसके चेहरे पर जरा-सी भी सिकन नहीं थी। सुनवाई के दौरान वो हाथ बांधे बेफिक्र खड़ा रहा, लेकिन सजा सुनते ही उसके चेहरे की हवाइयां उड़ गईं। जब उसे कोर्ट से जेल ले जाया जा रहा था, तब उसकी आंखों में आंसू थे। चेहरे को उसने रुमाल से ढक रखा था। एडिशनल डिस्ट्रिक जज नेहा नोहरिया ने इस मामले में आरोपी के पिता रणजीत सिंह का बरी कर दिया। कोर्ट ने माना कि आरोपी छात्र चुपके से पिता की रिवॉल्वर निकालकर लाया था। इसकी भनक उन्हें नहीं थी। रितु छाबड़ा के पति राजेश ने कहा कि वे मामला हाईकोर्ट में ले जाएंगे। वे आरोपी को फांसी चाहते हैं।
पुलिस ने शिवांस के पिता रणजीत सिंह को आर्म्स एक्ट में आरोपी बनाया था। इस घटना के पीछे सिर्फ एक वजह सामने आई थी कि प्रिंसिपल रितु छाबड़ा आरोपी को आवारागर्दी करने पर डांटती थीं।
आरोपी शिवांश ने बताया था कि प्रिंसिपल उसे कभी-कभार बेवजह भी टॉर्चर करती थीं। इसी बात को लेकर वो बहुत परेशान था। प्रिंसिपल कई बार उसे स्कूल से निकालने की धमकी भी देती थीं।
आरोपी को डर था कि अगर प्रिंसिपल ने उसकी शिकायत घर पर कर दी, तो उसे डांट पड़ेगी। इसी बात को लेकर उसका दिमाग बिगड़ा और उसने हत्या कर दी।
आरोपी शिवांश को लगा था कि गोलियां लगने से प्रिंसिपल सिर्फ जख्मी हुई हैं। उनकी मौत की खबर उसे बाद में पता चली। आरोपी को मौके पर ही पकड़ लिया गया था।
लोगों ने आरोपी को पकड़कर जमकर पीटा था। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया था।
घटना के बाद प्रिंसिपल रितु छाबड़ा के पति राजेश को शक था कि आरोपी नशे का आदी है।
रितु छाबड़ा के पति राजेश आरोपी को फांसी की सजा चाहते थे। उन्होंने कहा कि वे हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
रितु छाबड़ा हत्याकांड के बाद रोते-बिलखते परिजन और स्कूल का स्टाफ।