चार पीढ़ियों से देश की सेवा कर रहा है ये परिवार, परदादा-दादा, पिता के बाद अब बेटा बना लेफ्टिनेंट

पानीपत. देहरादून में चल रही पासिंग आउट परेड में हरियाणा के 39 युवाओं ने हिस्सा लिया। यह युवा भारतीय सेना में शामिल हुए हैं, जो लेफ्टिनेंट बनकर देश की रक्षा करेंगे। वहीं प्रदेश का एक ऐसा परिवार है, जो पिछले चार पीढ़ियों से लगातार देश की सेवा करता आ रहा है। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अब इसी परिवार के युवा पंकज किन्हा इंडियन आर्मी में लेफ्टिनेंट पद पर चयनित हुए हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jun 14, 2020 9:12 AM IST

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चार पीढ़ियों से देश की सेवा कर रहा है ये परिवार, परदादा-दादा, पिता के बाद अब बेटा बना लेफ्टिनेंट

दरअसल, पंकज किन्हा हरियाणा के संतोखपुरा के रहने वाले हैं। उनके पिता कप्तान सिंह बतौर सूबेदार मेरठ में देश के लिए अपनी सेवाएं दे रहे हैं। बता दें कि पंकज के परदादा हवलदार जागेराम ने राजपुताना राइफल्स में देश की सेवा करते हुए आजादी में सहयोग दिया था। वहीं दादा रामकला ने आर्दश सरपंच बनकर देश की सेवा की, इसके लिए उनको पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल ने देश सेवा के लिए 1987 में प्रथम सरपंच के खिताब से नवाजा गया था

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यह सैनिक भी हरियाणा के पाकस्मा गांव के रहने वाले हैं जो आपस में चचेरे भाई हैं। आकाश व अभिजीत शनिवार भारतीय सैन्य अकादमी में पासिंग आउट परेड के बाद भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गए। दोनों ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उनके दादा का सपना था कि वह देश की रक्षा के लिए सेना में जाएं और देश की सेवा करें।
 

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यह हैं नमन बंसल जो हरियाणा के बिजनेसमैन प्रवीण बंसल के बेटे हैं। इस उद्योगपति परिवार से नमन ऐसे पहले सदस्य हैं जो भारतीय सेना में शामिल हो गए हैं। वह इंडियन आर्मी में अफसर बन गए हैं। उनकी पूरी फैमिली बिजनेस से जुड़ा है, लेकिन नमन में देश सेवा का जूनुन बचपन से ही था, जिसे उन्होंने आज सच कर दिखाया।
 

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देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) से पास आउट होकर 333 युवा अफसर भारतीय थल सेना में शामिल हो गए हैं। शनिवार सुबह 6.30 बजे आईएमए देहरादून में पासिंग आउट परेड हुई जिसमें 423 अफसरों ने हिस्सा लिया। 

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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पासिंग आउट परेड के बाद भारतीय सेना में शामिल हुए हरियाणा के 39 युवा सैनिक अधिकारियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा- राष्टभक्ति व देश सेवा का जज्बा हरियाणा के युवाओं में आज भी बरकरार है। हमारी सशस्त्र सेनाओं में हर दसवां सैनिक देश की जनसंख्या का दो प्रतिशत से भी कम प्रतिनिधित्व करने वाले छोटे से राज्य हरियाणा से है। यह हमारे लिए गर्व की बात है। 
 

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