चचेरे भाई ने हेल्प के लिए सोनू सूद को किया ट्वीट, तो यह बोला-मुझे नहीं लगता कि वो रिस्पांस करेंगे

करनाल, हरियाणा. कोरोना काल में गरीबों के लिए फरिश्ता बनकर सामने आए सोनू सूद (Sonu Sood) अब तमाम पीड़ितों और गरीबों की मदद कर रहे हैं। पिछले दिनों उनकी बदौलत मुंबई के होनहार फुटबालर अर्जुन को करनाल के एक हास्पिटल में जिंदगी जीने का दुबारा मौका मिल गया। फरवरी में हुए एक एक्सीडेंट में अर्जुन के घुटनों को चोट पहुंची थी। वे ठीक से चलने-फिरने को तरस गए। लिहाजा, उनका करियर और जिंदगी दोनों दांव पर लग गए। अर्जुन एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता नहीं है। अर्जुन कॉल सेंटर में काम करके जैसे-तैसे अपनी जिंदगी गुजार रहे थे। उनके परिवार में मां और बहन है। जिनकी जिम्मेदारी भी उन्हीं के कंधे पर है। अगस्त में डॉक्टरों ने बताया कि अगर वे तीन लाख रुपए खर्च कर सकें, तो उनके घुटनों को ऑपरेशन हो सकता है। लेकिन अर्जुन के पास इतना पैसा नहीं था। वे निराश हो गए। इस बीच उनके चचेरे भाई शंकर ने सोनू सूद को ट्वीट किया। लेकिन अर्जुन इतने निराश हो चुके थे कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि सोनू रिस्पांस देंगे। लेकिन सोनू सूद की टीम ने रिस्पांस किया। बल्कि करनाल में स्पोर्ट्स इंजरी एक्सपर्ट के जरिये उनका सफल ऑपरेशन भी कराया। मुंबई से करनाल तक फ्लाइट, इलाज आदि का खर्चा भी उठाया। अब अर्जुन पूरी तरह फिट हैं। वे सोनू सूद को अपनी जिंदगी में फरिश्ता मान रहे हैं। वहीं, सूद हरियाणा के डॉक्टरों को अपने ड्रीम प्रोजेक्ट इलाज इंडिया (Dream Project ilaz India) से भी जोड़ रहे हैं।

Asianet News Hindi | Published : Sep 23, 2020 11:17 AM IST
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चचेरे भाई ने हेल्प के लिए सोनू सूद को किया ट्वीट, तो यह बोला-मुझे नहीं लगता कि वो रिस्पांस करेंगे

मुंबई के उपनगर ठाणे के 23 वर्षीय अर्जुन बाइक से गिरने से चोटिल हो गए थे। वे डिप्रेशन में आ चुके थे। इधर, करनाल में जब सोनू सूद ने इलाज का खर्च उठाने की जिम्मेदारी ली, तो करनाल के विर्क अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. बलबीर सिंह विर्क और डॉ. अमनप्रीत सिंह ने ऑपरेशन की  जिम्मेदारी संभाल ली। बता दें कि सोनू सूद के प्रोजेक्ट इलाज इंडिया से देशभर से लगभग 50 हजार डॉक्टर जुड़ चुके हैं। आगे पढ़ें..युवक ने कृत्रिक पैर लगवाने सोनू सूद से मांगी मदद, अकाउंट में पैसे पहुंचे, फिर भी हुआ यह

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देवास, मध्य प्रदेश.  देवास के विजय नगर निवासी दीपेश गिरी 22 फरवरी को बाइक से इंदौर से कैलादेवी जा रहे थे, तभी एक्सीडेंट में वे घायल हो गए। इलाज के दौरान उनका पैर काटना पड़ा। एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले विजय के पास इतनी जमापूंजी नहीं थी कि वो कृत्रिम पैर लगवाने पर पैसा खर्च कर सकें। 19 अगस्त को दीपेश ने सोनू सूद को ट्वीट किया कि उनका एक पैर कट गया है, क्या वे अब कभी चल पाएंगे? क्या आप सहयोग करेंगे? इस पर सोनू सूद ने रिप्लाई किया कि चल भाई...आपकी नई टांग होगी, आपकी टांग लगवाता हूं। उन्होंने भोपाल की एक समाजसेवी संस्था के खाते में 25 हजार रुपए डलवा दिए। संस्था ने कॉल किया और बताया कि 19 हजार रुपए कम पड़ रहे हैं। यह सुनकर दीपेश मायूस हो गए। उन्होंने इंदौर निवासी अपने दोस्त केशव जोशी को बताया। केशव ने अपने पिता पूर्व पार्षद आशुतोष से मदद मांगी। इस तरह बाकी पैसे दोस्त के जरिये अकाउंट में आ गए। दीपेश सोनू सूद और अपने दोस्त को दुआएं दे रहा है कि उनकी बदौलत अब वो चल-फिर पा रहा है।

आगे पढ़ें...फूट-फूटकर रो रही थी छात्रा, सोनू सूद ने किया ट्वीट-'आंसू पोंछ ले बहन, किताबें भी नई होंगी...घर भी नया होगा'

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जब बारिश में भींग गईं किताबें...
बीजापुर, छत्तीसगढ़. यह मामला पिछले दिनों सामने आया था। यहां बारिश में कच्चा घर गिरने के बाद किताबें गीली होने से रो पड़ी छात्रा का वीडियो सोशल मीडिया और न्यूज चैनल पर दिखाया गया था। उसे देखकर सोनू सूद भावुक हो उठे और उन्होंने ट्वीट किया-'आंसू पोंछ ले बहन...किताबें भी नई होंगी..घर भी नया होगा!' फिर अंजली नामक इस छात्रा को मदद मिल गई।
देखें कुछ तस्वीरें...

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अंजली ने अपने कच्चे घर में ऐसे संभालकर रखी हुई थीं किताबें। अंजली का वीडियो देखकर सोनू सूद ने की मदद की पहल।

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सूखने के लिए रखीं भींगीं किताबें।

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बारिश में किताबों की दुर्दशा देखकर अंजली फूट-फूटकर रोने लगी थी।

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अंजली को अपनी पढ़ाई छूटती देखकर जैसे सदमा से बैठ गया था।

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सोनू सूद के ट्वीट के बाद अंजली को उम्मीद जागी है कि वो आगे पढ़ पाएगी।

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अंजली को रोते देखकर प्रशासन ने तत्काल उसे कुछ नई किताबें उपलब्ध कराई थीं।

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