PHOTOS में देखिए आंदोलित किसानों ने कैसे दिल्ली को झुकाया, लेकिन खट्टर के बयान से मची खलबली

चंडीगढ़.नई दिल्ली. केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में प्रदर्शन पर अड़े किसानों को हरियाणा बॉर्डर पर रोके रखने में नाकाम सरकार ने उन्हें 3 दिसंबर को बातचीत का न्यौता दिया है। बता दें कि पंजाब के किसान हरियाणा बार्डर पर डटे हुए हैं। वहीं, हरियाणा के किसानों को दिल्ली बॉर्डर पर रोककर रखा गया है। पिछले लंब समय से धरना-प्रदर्शन करते आ रहे किसानों ने 26 से 28 नवंबर तक दिल्ली में धरना-प्रदर्शन का ऐलान किया था। किसानों को आक्रोश को देखते हुए केंद्र सरकार ने उन्हें 3 दिसंबर को बातचीत के लिए बुलाया है। किसान अपने साथ 6 महीने का राशन-पानी लेकर निकले थे। पहले किसानों को वापस लौटाने उन पर पानी की बौछारें छोड़ी गईं। लाठियां भांजी गईं। रास्ते में पत्थर अड़ाकर आगे नहीं बढ़ने दिया गया, लेकिन शुक्रवार को सरकार झुक गई। किसानों को दिल्ली पुलिस ने शांतिपूर्ण तरीके से उत्तर-पश्चिम दिल्ली के निरंकारी ग्राउंड में प्रदर्शन की अनुमति दी है। इससे पहले केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने आंदोलन खत्म करने की अपील की थी। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों की आवाज नहीं दबानी चाहिए। उसे तत्काल इस संबंध में बात करनी चाहिए। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि किसान आंदोलन खत्म करें। उसे लेकर जो भी भ्रम होगा, उसे दूर किया जाएगा। उन्होंने 3 दिसंबर को बातचीत का प्रस्ताव दिया है। सरकार बातचीत को तैयार है। हालांकि उन्होंने कहा कि नया कृषि कानून समय की जरूरत है। यह एक क्रांतिकारी पहल है। इस बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने आंदोलन में खालिस्तान समर्थकों के होने का दावा करके सनसनी फैला दी। खट्टर ने शनिवार को कहा कि भीड़ में उपद्रवियों के शामिल होने का इनपुट मिला है। देखें आंदोलन की कुछ तस्वीरें...

Asianet News Hindi | Published : Nov 28, 2020 4:28 AM IST / Updated: Nov 28 2020, 07:45 PM IST
115
PHOTOS में देखिए आंदोलित किसानों ने कैसे दिल्ली को झुकाया, लेकिन खट्टर के बयान से मची खलबली

जानें क्या है वजह...
बता दें कि केंद्र सरकार कृषि से जुड़े तीन कानून लेकर आई है। कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन-कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020। किसान इसे अपने लिए नुकसानदेह बता रहे हैं। इस आंदोलन में पंजाब, हरियाणा और यूपी के करीब 1 लाख किसानों के शामिल होने की बात कही जा रही है। किसान संगठनों का ने कहा है कि अब पुलिस जहां रोकेगी, वे वही बैठकर धरना देंगे। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी स्पष्ट कर चुके हैं कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का फायदा नहीं मिलने की बात सरासर गलत है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा तो इन कानूनों को क्रांतिकारी कदम बता रहे हैं।

215

किसान गाड़ियों में छह महीने का राशन-पानी लेकर पहुंचे हैं।

315

कई जगह किसानों की पुलिस से झड़प हुई।

415

किसान बैरिकेड्स तोड़कर और गाड़ियां हटाकर आगे बढ़े।
 

515

पुलिस ने किसानों को रोकने पानी की बौछारें छोड़ीं, रास्ते में पत्थर बिछाए।

615

किसान जगह-जगह जमे हुए हैं।

715

हरियाणा बॉर्डर पर पुलिस से किसानों की झड़प होती रही।

815

पुलिस ने इस तरह किसानों पर पानी की बौछारें मारीं।

915

अश्रु गैस के असर से आंसू पोछते किसान।

1015

बैरिकेड्स तोड़कर दिल्ली की ओर बढ़ते किसान।

1115

इस तरह उग्र होता गया किसान आंदोलन।
 

1215

आखिरकार शुक्रवार को सरकार ने किसानों को दिल्ली में एंट्री की परमिशन दी।

1315

अभी भी हरियाणा में जगह-जगह जाम है।

1415

आंदोलित किसानों को खदेड़ती पुलिस।

1515

आंदोलन में महिलाओं ने भी मोर्चा संभाल रखा है।

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos