यमुनानगर, हरियाणा. लॉकडाउन में सारे काम-धंधे लगभग ठप पड़ गए। लोगों को जीवनयापन करने में दिक्कत होने लगी, लेकिन अनाप-शनाप ब्याज पर फाइनेंस देने वालों के दिल बिलकुल नहीं पसीजे। यह मामला इसी अमानवीयता से जुड़ा है, जिसमें फाइनेंसर की प्रताड़ना से तंग आकर एक शख्स ने सल्फास खाकर अपनी जान दे दी। 35 वर्षीय मनोज जोशी ने कुछ साल पहले अपने मकान के लिए दो फाइनेंसरों से 4 लाख रुपए का कर्ज लिया था। लेकिन डेढ़ साल में 17 लाख रुपए चुकाने के बावजूद कर्ज उतरने का नाम नहीं ले रहा था। फाइनेंसरों की नजर अब उस मकान पर थी। इससे परेशान होकर शख्स ने शनिवार शाम जहर खाकर अपना जीवन समाप्त कर लिया था। इस मामले में अब नये खुलासे हो रहे हैं। मृतक के परिजनों ने बताया कि लॉकडाउन के कारण शख्स ब्याज नहीं दे पा रहा था। फाइनेंसरों ने कर्ज देते समय घर के कागजात रख लिए थे। अब वे परेशान कर रहे थे। मृतक ने दो फाइनेंसरों मनीष महेंद्रू और प्रेम साहनी पर प्रताड़ित करने के आरोप लगाए। मृतक ने एक सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें लिखा कि उसके पिता दिव्यांग हैं, उसके परिवार का साथ दिया जाए। उसका घर बचाया जाए। पत्नी का साथ दें। पढ़िए एक परेशान परिवार की कहानी...