भारत में हर 8 मिनट में सर्वाइकल कैंसर से होती है एक औरत की मौत, शुरूआती लक्षणों को नहीं करें नजरअंदाज

हेल्थ डेस्क. कैंसर हाल के वक्त में काफी तेजी से फैलने वाली समस्या बनती जा रही है।खराब खानपान और गलत लाइफस्टाइल की वजह से लोग इसके शिकार हो रहे हैं। महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर, ओवरी कैंसर के साथ-साथ सर्वाइकल कैंसर (cervical cance) की शिकार हो रही हैं। महिलाओं में कैंसर को लेकर जागरुकता अभी भी नहीं हैं। इसी वजह से हर साल जनवरी को  सर्वाइकल कैंसर अवेयरनेस मंथ (cervical cancer awareness month 2023) के रूप में मनाया जाता है। सर्वाइकल कैंसर के महिलाएं खुद को बचा सकती हैं अगर प्रीकैंसर स्टेज में ही लक्षण को पहचान लें। आइए नीचे बताते हैं प्रीकैंसर स्टेज के लक्षण के बारे में...

Nitu Kumari | Published : Jan 13, 2023 7:33 AM IST / Updated: Jan 13 2023, 03:46 PM IST
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भारत में हर 8 मिनट में सर्वाइकल कैंसर से होती है एक औरत की मौत, शुरूआती लक्षणों को नहीं करें नजरअंदाज

भारत में हर 8 मिनट में एक महिला की मौत सर्वाइकल कैंसर से होता है। वहीं हर 47 मिनट में एक महिला को सर्वाइकल कैंसर होने का पता चलता है। इतना ही नहीं दुनिया भर में इस कैंसर के 25 प्रतिशत मामले और मौतें भारत में ही होती हैं। आंकड़े कितने भयावह है इससे तो समझ गए होंगे। इसलिए महिलाओं को इसे लेकर जागरुक होने की बेहद जरूरत है।

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सर्वाइकल कैंसर क्या हैं
गर्भाशय ग्रीवा (गर्भाशय के मुंह) के मुंह से यह कैंसर शुरू होता है। डॉक्टर की मानें तो सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में धीमी गति से बढ़ने वाला कैंसर है। इस कैंसर में एक प्रीकैंसरस स्टेज भी होती है जो कैंसर से पहले की स्टेज होती है। इसे प्रीकैंसरस स्टेज से कैंसर तक बढ़ने में सालों लग जाते हैं। इससे डॉक्टरों को पूर्व-कैंसर अवस्था या प्रारंभिक अवस्था में इसका पता लगाने के पर्याप्त अवसर मिलते हैं। यदि पूर्व कैंसर अवस्था में इसका पता चल जाए तो इस कैंसर को होने से रोका जा सकता है। इस कैंसर का पता लगाने के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट या तो प्रीकैंसर या शुरुआती चरणों में उपलब्ध हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रारंभिक चरण के लक्षण या तो नहीं होते हैं, या पूरी तरह से लक्षणहीन हो सकते हैं।

 

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​सर्वाइकल कैंसर के शुरूआती लक्षण आपको नज़रअंदाज़ नहीं करने चाहिए
शरीर में कई ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं जिसका मतलब कुछ और भी हो सकता है। लेकिन वो सर्वाइकल कैंसर से भी जुड़े हो सके हैं। इसलिए जरूरी की इसकी जांच सर्वाइकल कैंसर की दिशा में भी की जाए। जिससे पता चल जाए कि सर्वाइकल कैंसर हो रहा है या नहीं। या फिर इन लक्षणों के कारण कुछ और हैं।

महिलाओं को जिन लक्षणों पर शुरुआत में गौर करना चाहिए वो हैं-
असामान्य योनि स्राव (Abnormal vaginal discharge): गंदा डिस्चार्ज , दुर्गंधयुक्त, पानी जैसा तरल पदार्थ निकलना। नियमित योनि स्राव की मात्रा में वृद्धि पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है।

असामान्य योनि से रक्तस्राव (Abnormal vaginal bleeding): अधिक और ज्यादा दिनों तक पीरियड का रहना भी सर्वाइकल कैंसर की शुरुआती लक्षणों में से एक हो सकता हैं। इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।  बुजुर्ग महिलाओं में, यह मेनोपॉज के बाद भी ब्लीडिंग हो सकती है। किसी भी मात्रा में असामान्य ब्लीडिंग को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और इसकी सूचना अपने डॉक्टर को देनी चाहिए।

थकान: यह सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों में से एक हो सकता है। लेकिन थकान की वजह कुछ और भी हो सकती है।


 

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सर्वाइकल कैंसर के एडवांस लक्षण
जैसे-जैसे रोग बढ़ता है अन्य लक्षण दिखाई देते हैं। 
सेक्स के दौरान दर्द: संभोग के दौरान दर्द सर्वाइकल कैंसर का एक और महत्वपूर्ण लक्षण है। इसके अलावा, पैर में दर्द या पीठ के निचले हिस्से में दर्द इसके लक्षण हो सकते हैं, और ये आमतौर पर सर्वाइकल कैंसर के बाद के चरणों में देखे जाते हैं।

मूत्राशय और मल त्याग में परिवर्तन: बार-बार पेशाब आना या ऐसा महसूस होना कि आपको हमेशा जाना है, इस बीमारी से जुड़े लक्षण हैं। यदि यह लक्षण एक सप्ताह से अधिक समय तक रहता है तो आपको अपने डॉक्टर को देखना चाहिए।

 वजन का घटना: अगर अच्छा खाने के बाद भी वजन बिना किसी वजह से लगातार कम हो रहा है तो यह भी सर्वाइकल कैंसर का एक लक्षण हो सकता है। 
 

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इन आदतों को अपनाकर आप सर्वाइकल कैंसर को खतरे को कम कर सकते हैं
-स्वस्थ आहार का सेवन
-सुरक्षित यौन संबंध
-ज्यादा लोगों से संबंध ना बनाएं
-पर्सनल हाइजीन का ध्यान रखें
-एचपीवी वायरस के खिलाफ टीकाकरण
-धूम्रपान से दूरी बनाएं

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