सिगरेट पीने के बाद जिस फिल्टर को फेंक देते हैं, उसे बटोरकर ये शख्स बन गया बिजनेसमैन, खड़ी कर दी अपनी कंपनी

मोहाली. सिगरेट पानी के बाद उसका फिल्टर हम यहां-वहां फेंक देते हैं। इसे बट्स भी कहते हैं। हमारे लिए तो ये छोटा सा फिल्टर होता है, लेकिन ये पर्यावरण को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। इसे सबसे अधिक कूड़ा वाली वस्तुओं में से एक माना जाता है। ऐसे में पंजाब के मोहाली में रहने वाले एक बिजनेसमैन ने बट्स पर रोक लगाने का अनोखा तरीका निकाला है। नाम है ट्विंकल कुमार। उनका कहना है कि वे इन बट्स का इस्तेमाल दूसरे कामों में करेंगे। सिगरेट के फिल्टर का इस्तेमाल कैसे किया जाता है...?
 

Asianet News Hindi | Published : Sep 9, 2021 4:14 AM IST / Updated: Sep 09 2021, 09:47 AM IST

16
सिगरेट पीने के बाद जिस फिल्टर को फेंक देते हैं, उसे बटोरकर ये शख्स बन गया बिजनेसमैन, खड़ी कर दी अपनी कंपनी

बट्स की समस्या से निपटने के लिए पंजाब में मोहाली की एक कंपनी के मालिक ट्विंकल कुमार ने  सिगरेट के बट्स को रिसाइकिल करने का काम शुरू किया है। उनका कहना है कि इससे खिलौनों, कुशन और मच्छर भगाने वाली दवाओं में रिसाइकिल किया जा सकता है।

26

COVID-19 लॉकडाउन में नौकरी गंवाने वाले ट्विंकल कुमार ने बताया कि उन्होंने कुछ काम शुरू करने के लिए YouTube वीडियो देखना शुरू किया। तब मुझे सिगरेट रीसाइक्लिंग के बारे में पता चला। मुझे ये आइडिया अच्छा लगा। मैंने उस कंपनी से संपर्क किया जो पहले से ही ऐसा कर रही थी और पूरी प्रोसेस सीखी। उसके बाद मैंने मोहाली में अपना खुद का काम शुरू किया।

36

बिजनेस शुरू करने के लिए उन्होंने सबसे पहले सिगरेट के बट्स को इकट्ठा करने का प्लान तैयार किया। उन्होंने सिगरेट के टुकड़ों के लिए सिगरेट बेचने वाली दुकानों से संपर्क किया। वहां कंपनी की कुछ महिलाओं को तैनात किया। उनका काम होता कि वे बटों को इकट्ठा करती हैं।

46

उन्होंने कहा कि शुरुआत में तो हिचक होती थी। लेकिन एक टाइम बाद काम में मजा आने लगा। पब्लिक प्लेस में सिगरेट के टुकड़े इकट्ठा करने के लिए डिब्बे रखे गए। इसके बाद जब फिल्टर इकट्ठा होने लगे तो उन्हें केमिकल्स से साफ करने का काम शुरू हुआ। इसके बाद साफ बट्स का इस्तेमाल खिलौने, कुशन और मच्छर भगाने के लिए किया जाता है।

56

सिगरेट के बट्स सेल्युलोज एसीटेट नाम की प्लास्टिक से बने होते हैं, जिसे खराब होने में 10 साल तक का समय लगता है। यानी 10 साल तक ये पर्यावरण को नुकसान पहुंचाएंगे। कुमार ने कहा कि फिल्टर न सिर्फ प्रदूषण का कारण बनते हैं बल्कि वे निकोटीन जैसे केमिकल्स को भी छोड़ते हैं। 

66

कुमार ने कहा कि इन सबसे बाद भी लोगों को धूम्रपान नहीं करना चाहिए। हेल्थ रिस्क के बाद भी  सिगरेट पीने वाले सभी लोगों से अनुरोध करते हैं कि अगर वे सिगरेट पीते हैं तो उसका फिल्टर आस-पास मौजूद बॉक्स में ही फेंके। इससे प्रदूषण भी कम होगा और उन बट्स का इस्तेमाल भी किया जा सकेगा।

ये भी पढ़ें..

बाथरूम में फटे कपड़े-खून में सनी मिली 13 साल की लड़की, मौत से पहले बताई दरिंदे पिता की शादी वाली करतूत

मां ने सोचा, कैमरे की वजह से दिखी चमक, नया कैमरा खरीदा, फिर से फोटो ली तो तस्वीर देख फूल गए हाथ पैर

9/11 America Attack Photos: 7 दिन तक जलते रहे टावर्स, ऐसा धुंआ था कि लोगों को हुआ कैंसर

हमें बाहर निकालो, मरना नहीं चाहते..ये चिल्लाते जिंदा जल गए ड्रग्स देकर लोगों की जान लेने वाले 41 गुनहगार

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos