वक्त से पहले बेटी हो रही है जवान, तो माता-पिता को इन 3 बातों का रखना चाहिए खास ख्याल

हेल्थ डेस्क. आज के दौर में बच्चों के मानसिक विकास, शारीरिक विकास हर चीज में परिवर्तन देखने को मिल रहा है। लड़का हो या लड़की, वो वक्त से पहले जवान हो रहे हैं। बच्चों में प्यूबर्टी (puberty) आने का एक वक्त होता है, लेकिन वो वक्त से पहले बच्चों में आ जा रहा है। जिसकी वजह से माता-पिता चिंतित हो जाते हैं। प्यूबर्टी उस वक्त को कहा जाता है जिसमें लड़के और लड़कियों में शारीरिक बदलाव शुरू होते हैं। लड़कियों में प्यूबर्टी आम तौर पर 10 से 14 साल के बीच शुरू होता है। वहीं, लड़कों में 12 से 16 साल के बीच स्टार्ट होता है। हालांकि, लड़कों में इसका प्रभाव ज्यादा नहीं पड़ता है लेकिन लड़कियों के मानसिक सोच पर प्यूबर्टी का असर ज्यादा होता है। इसलिए माता-पिता को जवान होती लड़कियों का खास ख्याल रखना पड़ता है। आइए बताते हैं प्यूबर्टी कैसे लड़कियों को करता है प्रभावित और माता-पिता को किन 3 बातों का रखना चाहिए ख्याल...

Asianet News Hindi | Published : Aug 4, 2022 7:07 AM IST / Updated: Aug 06 2022, 12:49 PM IST
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वक्त से पहले बेटी हो रही है जवान, तो माता-पिता को इन 3 बातों का रखना चाहिए खास ख्याल

प्यूबर्टी के दौरान लड़के या लड़कियों के प्रजनन अंग क्रियाशील हो जाते हैं। शरीर में सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरोन और एस्ट्राडियोल का बहाव शुरू हो जाता है। कह सकते हैं कि शारीरिक परिवर्तन शुरू हो जाते हैं।

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लड़कियों का ब्रेस्ट साइज बढ़ने लगता है। वहीं पुरुषों में लिंग के आकार में वृद्धि होती है। बदलते दौर में लड़कियों में प्यूबर्टी वक्त से पहले दिखने लगते हैं। 7 साल और 8 साल में ही इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं। इस उम्र में ही लड़कियों के ब्रेस्ट साइज बढ़ जाते हैं और उन्हें पीरियड्स आने लगते हैं। अंडरआर्म में बाल आने लगते हैं। योनी से सफेद पानी निकलने लगता है। मुंहासे होने लगते हैं। 

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लड़कियों में असमय होते परिवर्तन को देखकर माता-पिता घबरा जाते हैं और डॉक्टर के पास जाते हैं। जिन लड़कियों में कम उम्र में प्योबर्टी देखी जाती हैं तो उन्हें भविष्य में कई तरह के मेडिकल और मानसिक समस्याओं से जूझना पड़ता है। जैसे - डिप्रेशन, मोटापा, ईटिंग डिसऑर्डर की वो शिकार हो जाती है। यहां तक की उन्हें कैंसर का भी सामना करना पड़ता है।

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पहले 10 से 14 साल के बीच लड़कियों में इसके लक्षण दिखाई देते थे। लेकिन अब ये 7 साल की उम्र से शुरू होने लगते हैं। आज के दौर में 15 प्रतिशत लड़कियों में 7 साल से ही ब्रेस्ट की साइज बढ़ने लगती है। 8 साल की उम्र में 25 प्रतिशत लड़कियों के स्तन का साइज बढ़ने लगता है। मतलब तय वक्त से पहले आज के दौर में लड़कियां जवान होने लगी हैं। इसके पीछे वजह खानपान है। नीचे पढ़िए वो 3 बातें, जो माता-पिता को समझना चाहिए...

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1. बेटी से बात करके शारीरिक बदलाव के बारे में बताएं

कम उम्र में लड़कियों में जवानी के लक्षण देखकर माता-पिता डर जाते हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें मजबूत बनने की जरूरत होती है। अगर बेटी प्यूबर्टी के दौर से गुजर रही है तो सबसे पहले उनसे खुलकर बात करें। उन्हें शरीर में हो रहे बदलाव के बारे में बताएं। उन्हें बताएं कि शरीर में बदलाव आना नॉर्मल है। ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है। इस फेज से हर किसी को गुजरना पड़ता है। उन्हें उनके बदलते शरीर से प्यार करना सिखाएं।

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3. बच्चे के साथ वक्त गुजारें

प्यूबर्टी के शुरू होते ही लड़का हो या लड़की, वो मेच्योर होने लगते हैं। ऐसे में माता-पिता को उनके साथ ज्यादा वक्त बिताना चाहिए। सही और गलत का फर्क समझाना चाहिए। उसे सहज महसूस कराएं और दोस्त की तरह उसके एक्टिविटी में हिस्सा लें। यहां तक की कोई ऐसी एक्टिविटी करें जिसमें आपके साथ आपके बच्चे भी शामिल होकर खुश हो सकते हैं।

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3. बेटी के कपड़े को लेकर रोक-टोक नहीं 

कई बार माता-पिता लड़कियों के कपड़े को लेकर ज्यादा रोक-टोक करते हैं। माता-पिता को चाहिए कि बच्ची को उसके उम्र के हिसाब से ही बर्ताव करें, भले ही उनके शरीर में बदलाव हो रहे हों। टोकने से बच्चे असहज हो जाते हैं और उनका आत्मविश्वास डोलने लगता है। मां को चाहिए की बेटी को उसके उम्र के हिसाब से कपड़े पहनाएं ना कि उसके बढ़ते साइज के हिसाब से। लड़कियों के उसके पसंद के बारे में पूछें और उनके हिसाब से काम करें।

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