SIV को सिमियन इम्यूनोडेफिशियेंसी वायरस कहते हैं। SIV भी HIV के जैसा ही वायरस है जो कि बंदरों में पाया जाता है। शुरुआत में तो इसानों के शरीर SIV के कम लक्षण होते थे, लेकिन जब वह उत्परिवर्तन (mutation) होकर एचआईवी (HIV) हो गया तो, मानव शरीर में प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) के ऊपर अटैक करने लगा, क्योंकि हेचाईवी हमारे सफेद रक्त कणों (White blood cell) को मारता है।