जमशेदपुर, झारखंड. बेकाबू कार ने यहां टाटा-रांची मार्ग(NH33) पर खून का सैलाब बहा दिया। उसने सड़क किनारे खड़े लोगों को कुचल दिया। इस दर्दनाक हादसे में एक 11 साल के बच्चे और 3 महिलाओं की मौत हो गई। वहीं, 5 अन्य महिलाएं गंभीर रूप से घायल हैं। उन्हें पातकुम हॉस्पिटल में प्रारंभिक इलाज के बाद जमशेदपुर के टीएमएच रेफर किया गया है। ये सभी लोग बस के इंतजार में सड़क किनारे खड़े थे। तभी कार उन्हें रौंदते हुए निकल गई। यह खतरनाक हादसा गुरुवार दोपहर को हुआ। मरने वालों में मां, उसका बेटा, सास और बहन हैं। पुलिस के मुताबिक, नीमडीह थाना क्षेत्र के परगामा निवासी सूरजमनी महतो(35) अपनी सास फूलमती(65) के साथ एक दिन पहले सिंगाती में चल रहे नव पारायण पाठ सुनने के लिए अपनी बहन चांदमनी महतो(40) के घर झाबरी आई थी। गुरुवार को वे अपने घर वापस जाने के लिए निकले थे। उन्हें बस तक छोड़ने चांदमनी और उसका बेटा रवि(11) भी गांव से करीब 1 किमी दूर सड़क तक आया था। तभी रांची की तरफ से आ रही तेज रफ्तार कार ने उन्हें रौंद दिया। वहां उनके साथ कुछ अन्य महिलाएं भी बस के इंतजार में खड़ी थीं। कार ने उन्हें भी कुचल दिया। हादसे के बाद भीड़ ने कार ड्राइवर को जमकर पीटा। इसी दौरान वहां से गुजर रही जवानों की बस को देखकर वो उसमें जाकर छुप गया। इस पर लोगों ने बस में तोड़फोड़ कर दी। ड्राइवर की जान बचाने एक जवान को भीड़ पर बंदूक ताननी पड़ी।
हादसे की भयाहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सूरजमनी महतो, उसकी सास फूलमती महतो, सूरजमनी की बहन झाबरी और चांदमनी के बेटे रवि ने घटनास्थल पर ही तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया। रवि घर का इकलौता बेटा था। वो 7वीं का स्टूडेंट था।
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हादसे की जानकारी लगने पर चांडिल एसडीओ डॉ. विनय कुमार मिश्र, डीएसपी धीरेंद्र नारायण बंका, इंस्पेक्टर राजेंद्र प्रसाद महतो, बीडीओ प्रवेश कुमार साव, सीओ प्रभात भूषण तत्काल मौके पर पहुंच गए थे। इस दौरान वहां भारी भीड़ जमा हो गई थी।
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एक्सीडेंट के बाद गांववालों ने सड़क पर जमकर हंगामा किया। उग्र भीड़ कार ड्राइवर को मार डालना चाहती थी। वो जान बचानक वहां से गुजर रही जवानों की बस में जाकर छुप गया। पब्लिक ने बस में भी तोड़फोड़ की।
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आक्रोशित लोगों को पुलिस अफसरों ने समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। लोग ड्राइवर को मारने पर उतारू थे। यह देखकर कुछ जवानों ने भीड़ पर बंदूक तान ली, ताकि उन्हें रोका जा सके।
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पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि कार में तीन अन्य लोग भी बैठे थे। हालांकि वे मौका देखकर वहां से अपनी जान बचाकर भाग निकले। लेकिन ड्राइवर को लोगों ने पकड़ लिया था। कार किसी कंपनी में अटैच्ड है।
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एक्सीडेंट के बाद सड़क पर 2 किमी लंबा जाम लग गया। गांववाले लाठी-डंडे लेकर वहां हंगामा कर रहे थे। कफी देर तक पुलिस और प्रशासन के अफसर लोगों को समझाते रहे, तब कहीं जाम खुल सका।
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बताते हैं कि मृतक रवि अपनी साइकिल पर मौसी और उसकी सास का बैग लेकर आया था। भीड़ ने कार को चारों तरफ से घेर लिया था, ताकि ड्राइवर भाग नहीं सके।