सोनू सूद को ट्वीट करके भूल चुकी थी सोनामुनी, लेकिन ऐसा रिप्लाई मिला, जिसकी उम्मीद नहीं थी

धनबाद, झारखंड. लॉकडाउन ( lockdown) में अभिनेता सोनू सूद (Sonu Sood) ने हजारों लोगों की मदद की है। अब तो गरीब और असहाय लोगों का इलाज कराना, उन्हें काम-धंधे और एजुकेशन में मदद करना सोनू सूद का उद्देश्य बन गया है। उनकी टीम के पास रोज हजारों ट्ववीट आते हैं। वे उनकी मदद के लिए हाथ बढ़ाते हैं। ऐसा ही कुछ इस लड़की और इस जैसी 50 अन्य लड़कियों के साथ भी हुआ। धनबाद की इन लड़कियों की लॉकडाउन में नौकरी जाती रही। मामूली-सी नौकरी या काम-धंधा (Employment) करके अपने परिवार की रोजी-रोटी में हाथ बंटाने वालीं इन लड़कियों के लिए यह बड़ा संकट था। इस बीच सोनामुनी को सोनू सूद के बारे में पता चला। उसने संकोच करते हुए सोनू सूद को ट्वीट किया। उसने बताया कि वो और 50 लड़कियां काम बंद होने से परेशान हैं। रोजगार के अभाव में भूखों मरने की नौबत आ गई है। सोनामुनी ने ट्वीट तो कर दिया, लेकिन उसे उम्मीद नहीं थी कि कुछ होगा। आगे जानिए फिर क्या हुआ?

Asianet News Hindi | Published : Oct 7, 2020 9:37 AM IST
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सोनू सूद को ट्वीट करके भूल चुकी थी सोनामुनी, लेकिन ऐसा रिप्लाई मिला, जिसकी उम्मीद नहीं थी

सोनामुनी को उम्मीद नहीं थी कि सोनू सूद की ओर से कोई रिप्लाई आएगा। लेकिन जब सोनू का जवाब मिला, तो उसे भरोसा ही नहीं हुआ। सोनू सूद ने जवाब में लिखा-'धनबाद की हमारी यह 50 बहनें एक सप्ताह के भीतर कोई अच्छी नौकरी कर रहीं होंगी...यह मेरा वादा है।'

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सोनू सूद ने यह ट्वीट प्रवासी रोजगार के साथ के साथ किया था। प्रवासी रोजगार के तहत ही सोनू देशभर में युवाओं को रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं।

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धनबाद की इन गरीब लड़कियों के लिए मामूली नौकरी भी किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं थी। लॉकडाउन में वो भी जाती रहने से परेशान हो गई थीं। सोनू सूद ने फिर से उनकी जिंदगी में खुशियां लौटा दी हैं।
 

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इन गरीब लड़कियों को भरोसा नहीं था कि सोनू उन्हें रिप्लाई करेंगे। लेकिन सोनू सूद का जवाब पढ़कर वे अपनी खुशी छुपा नहीं पाईं।

आगे पढ़ें-चचेरे भाई ने हेल्प के लिए सोनू सूद को किया ट्वीट, तो यह बोला-मुझे नहीं लगता कि वो रिस्पांस करेंगे
 

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करनाल, हरियाणा. पिछले दिनों सोनू सूद की बदौलत मुंबई के उपनगर ठाणे के 23 वर्षीय होनहार फुटबालर अर्जुन को करनाल के एक हास्पिटल में जिंदगी जीने का दुबारा मौका मिल गया। फरवरी में हुए एक एक्सीडेंट में अर्जुन के घुटनों को चोट पहुंची थी। उनका करियर और जिंदगी दोनों दांव पर लग गए। अर्जुन एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता नहीं है। अर्जुन कॉल सेंटर में काम करके जैसे-तैसे अपनी जिंदगी गुजार रहे थे। उनके परिवार में मां और बहन है। जिनकी जिम्मेदारी भी उन्हीं के कंधे पर है। अगस्त में डॉक्टरों ने बताया कि अगर वे तीन लाख रुपए खर्च कर सकें, तो उनके घुटनों को ऑपरेशन हो सकता है। लेकिन अर्जुन के पास इतना पैसा नहीं था। वे निराश हो गए। इस बीच उनके चचेरे भाई शंकर ने सोनू सूद को ट्वीट किया। लेकिन अर्जुन इतने निराश हो चुके थे कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि सोनू रिस्पांस देंगे। लेकिन सोनू सूद की टीम ने रिस्पांस किया। बल्कि करनाल में स्पोर्ट्स इंजरी एक्सपर्ट के जरिये उनका सफल ऑपरेशन भी कराया। 


 आगे पढ़ें..युवक ने कृत्रिक पैर लगवाने सोनू सूद से मांगी मदद, अकाउंट में पैसे पहुंचे, फिर भी हुआ यह
 

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देवास, मध्य प्रदेश.  देवास के विजय नगर निवासी दीपेश गिरी 22 फरवरी को बाइक से इंदौर से कैलादेवी जा रहे थे, तभी एक्सीडेंट में वे घायल हो गए। इलाज के दौरान उनका पैर काटना पड़ा। एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले विजय के पास इतनी जमापूंजी नहीं थी कि वो कृत्रिम पैर लगवाने पर पैसा खर्च कर सकें। 19 अगस्त को दीपेश ने सोनू सूद को ट्वीट किया कि उनका एक पैर कट गया है, क्या वे अब कभी चल पाएंगे? क्या आप सहयोग करेंगे? इस पर सोनू सूद ने रिप्लाई किया कि चल भाई...आपकी नई टांग होगी, आपकी टांग लगवाता हूं। उन्होंने भोपाल की एक समाजसेवी संस्था के खाते में 25 हजार रुपए डलवा दिए। संस्था ने कॉल किया और बताया कि 19 हजार रुपए कम पड़ रहे हैं। यह सुनकर दीपेश मायूस हो गए। उन्होंने इंदौर निवासी अपने दोस्त केशव जोशी को बताया। केशव ने अपने पिता पूर्व पार्षद आशुतोष से मदद मांगी। इस तरह बाकी पैसे दोस्त के जरिये अकाउंट में आ गए। दीपेश सोनू सूद और अपने दोस्त को दुआएं दे रहा है कि उनकी बदौलत अब वो चल-फिर पा रहा है।

 

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