लॉक डाउन में फालतू निकले, तो बुरे फंसोगे, यहां की पुलिस सिर्फ उठक-बैठक नहीं कराएगी, कुछ और भी सजा देगी
रांची, झारखंड. कोरोना संक्रमण को रोकने देशभर में 21 दिनों का लॉक डाउन किया गया है। इसके बावजूद कुछ लोग इसका उल्लंघन कर रहे हैं। जबकि यह सबको पता है कि एक कोरोना संक्रमित सैकड़ों लोगों को बीमार कर सकता है। ऐसे लोगों को सबक सिखाने पुलिस सख्त होती जा रही है। झारखंड में पुलिस ने सख्त हिदायत दी है कि बगैर परमिशन या आवश्यक काम के कोई भी बाहर नहीं निकले। अगर कोई निकला, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। देश में जगह-जगह से ऐसी तस्वीरें और वीडियो सामने आ रहे हैं, जिनमें लोग बेवजह बाहर निकलते देखे गए। उल्लेखनीय है कि भारत में अब तक 724 मामले सामने आ चुके हैं।
Asianet News Hindi | Published : Mar 27, 2020 10:12 AM IST / Updated: Mar 27 2020, 03:45 PM IST
रांची पुलिस ने लॉक डाउन को पूरी तरह सफल बनाने के लिए सख्ती दिखाना शुरू कर दी है। अब पुलिस बेवजह बाहर निकलने वालों को पकड़कर थाने ले जाएगी। वहां उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का महत्व बताते हुए कोरोना वायरस से संबंधित वीडियो दिखाए जाएंगे। इस दौरान बाकी लोग अपनी बारी का इंतजार करेंगे। उल्लेखनीय है कि कान पकड़कर उठक-बैठक कराने के बाद भी लोग सुधरने का नाम नहीं ले रहे।
रांची में मामूली काम के बावजूद घर से निकले एक कारवाले को पुलिसवाले ने यह पोस्टर पकड़ाया।
यह तस्वीर रांची की है। जनता कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों को पुलिस ने सिर्फ पोस्टर पकड़वाए। लेकिन अब सख्ती दिखानी पड़ रही।
सिर्फ ऐसा नहीं है कि पुलिस सिर्फ लॉक डाउन का उल्लंघन करने वालों को सबक सिखा रही। वो इस परिस्थिति में फंस गए मजदूरों की मदद भी कर रही है। यह तस्वीर झारखंड के गोड्डा की है। ये मजदूर लॉक डाउन के चलते बंगाल के वर्धमान से पैदल ही बिहार के सासारम अपने घर को निकल पड़े थे। यहां पुलिस ने उन्हें खाना खिलाया और ठहरने का इंतजाम किया।
मधेपुरा के एक शेल्टर होम में रुके दिहाड़ी मजदूर। ये बैंगलोर से लौटे हैं।
उड़ीसा से लौटे ये लोग लॉक डाउन के चलते रांची में फंस गए। इन्हें यहां प्रशासन ने रुकने का इंतजाम कराया है।
ये लोग बैंगलोर से लौटकर अपने घर जा रहे थे। लेकिन लॉक डाउन के चलते मधेपुरा में ये फंस गए। प्रशासन ने इनके रुकने का इंतजाम कराया।