जब जेल गया तब 2 माह का था बेटा, 22 साल बाद लौटकर ऐसे गले मिले बाप-बेटे, ये देख रो पड़ा जेलर

रांची. अगर कोई 14 साल की सजा पूरी करके रिहा हो तो वह कितना खुश होगा। ऐसा ही एक रोचक और अनोखा मामला झारखंड में सामने आया है। जहां गुरुवार के दिन रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारावास में बंद 58 कैदी रिहा कर दिए गए। लेकिन सबसे दिलचस्प कहानी सामने आई है निताई मुंडा की। जो पिछले 22 साल से जेल में बंद थे। जिस दौरान वह जेल गए थे, उस वक्त उनका बेटा घसिया मुंडा सिर्फ दो साल का था। लेकिन जब पिता लौटे तो उनका बेटा अब 22 वर्ष का हो चुका है। जिसको देख पिता के आंखों से आंसू छलक पड़े। इतना ही नहीं, भावुक कर देने वाले इस पल को देख वहां मौजूद जेलर भी रो पड़ा।

Asianet News Hindi | Published : Jan 24, 2020 12:12 PM IST / Updated: Jan 24 2020, 06:12 PM IST

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जब जेल गया तब 2 माह का था बेटा, 22 साल बाद लौटकर ऐसे गले मिले बाप-बेटे, ये देख रो पड़ा जेलर
बता दें कि निताई मुंडा मूल रूप से खूंटी जिले का रहने वाला है। उसने 22 साल पहले आपसी विवाद में एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी। जिसके लिए उसको झराखंड की अदालत ने यह सजा सुनाई थी।
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निताई मुंडा को लेने के लिए उनका बेटा घसिया मुडा गया था। जैसे ही युवक ने अपने बेटे को देखा तो वह एकटक देखता ही रहा। पिता को देखते ही बेटे ने उनको गले लगा लिया और वह रोने लगा।
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दरअसल निताई जब जेल गया था उस दौरान उसकी शादी को एक या दो साल ही हुआ था। उसकी पत्नी इसी दिन का इंतजार कर रही थी कि कब उसके पति जेल से बाहर आएं।
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बिरसा मुंडा केंद्रीय कारावास में बंद 58 कैदियों में कोई 14 साल, 17 साल तो कोई 22वर्ष बाद रिहा हुआ। किसी की पत्नी लेने के लिए आई थी तो किसी का बेटा और नाती लेने के लिए आया था। इनमें से कुछ कैदी ऐसे भी हैं जिनको अपने घर का पता तक नहीं याद रहा।
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