रांची, झारखंड. यहां के हजारों आदिवासी बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों में मेहनत-मजदूरी करते थे। सबकुछ ठीक ही चल रहा था कि कोरोना ने जिंदगी 'संक्रमित' कर दी। काम-धंधे बंद होने पर कुछ दिन तो जमा-पूंजी से खर्च-पानी चलता रही, लेकिन फिर भूखों मरने की नौबत हो गई। हजारों मजदूर पैदल घरों को लौटने लगे। जब सरकारों की किरकिरी होने लगी, तब उनकी घर वापसी के लिए इंतजाम किए गए। हालांकि ये इंतजाम अब भी नाकाफी है। आज भी हजारों मजदूर ट्रकों-टैम्पों में भर-भरकर घर लौटते देखे जा सकते हैं। जिन्हें ट्रेन मिल गईं, मानों उन्हें तो जिंदगी की सबसे बड़ी खुशी मिल गई। अगर पूरे देश की बात करें, तो रोज करीब 4000 कोरोना संक्रमित बढ़ रहे हैं। 2 मई को देश में 39 हजार 826 संक्रमित थे। 14 मई को यह संख्या 78 हजार 268 हो गई। आइए देखें कुछ तस्वीरें