चमत्कारिक शिव मंदिर...जहां पुजारी की तरह नाग-नागिन करते हैं देखभाल, हैरान करने वाले हैं यहां के रहस्य

रामगढ़. झारखंड में कई ऐसे ऐतिहासिक और अनोखी जगह हैं, जिसकी मान्यता और जहां की परंपरा आपको सोचने पर मजबूर कर देगी। ऐसे ही एक चमत्कारिक मंदिर राज्य के रामगढ़ जिले में स्थित है। मंदिर का नाम है टूटी झरना मंदिर। यहां के चमत्कार देख सभी का सिर श्रद्धा से खुद बखुद झुक जाता है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां सदियों से मां गंगा भगवान शिव पर जलाभिषेक कर रही हैं। इस मंदिर के गर्भगृह में मां गंगा की प्रतिमा की नाभि से आपरूपी जलधारा निकलते रहती है। प्रतिमा के दोनों हाथों से होते हुए ये जलधारा नीचे शिवलिंग पर जलाभिषेक करते रहती है। यह जलाभिषेक चौबीसों घंटे, बारहों महीनें लगातार होते रहता है। बता दें कि मंदिर में शिवलिंग के ऊपर मां गंगा की प्रतिमा विराजमान है। पढ़िए शिवलिंग पर चढ़ने वाला जल कहां से आता है किसी को नहीं पता...

Asianet News Hindi | Published : Sep 3, 2022 11:56 AM IST

16
चमत्कारिक शिव मंदिर...जहां पुजारी  की तरह नाग-नागिन करते हैं देखभाल, हैरान करने वाले हैं यहां के रहस्य

1925 में अस्तित्व में आया था मंदिर, किसने बनाया किसी को नहीं पता
बता दें कि मंदिर का निर्माण किसने किया इसकी जानकारी किसी को नहीं है। कुछ लोगों का कहना है कि मंदिर 1925 में अस्तित्व में आया। अंग्रेज यहां गोमो बरकाकाना रेललाइन बिछाने का काम रहे थे, उन्हें यहां मिट्टी से ढकी हुई गुम्बद नुमा चीज दिखाई दी थी। खुदाई करने पर पता चला यह मंदिर है। तब से यहां भक्तों के आने का सिलसिला लगा हुआ है। 

26


18वीं सदी में अंग्रेजों की खुदाई के दौरान दिखा था मंदिर का गुंबद
18 वीं सदी में जब यहां गोमो टू बरकाकाना रेलवे लाइन बिछाने के लिए खुदाई का काम चल रहा था, इसी दौरान एक गुम्बद दिखाई दिया। गुम्बद देखने के बाद जब मजदूरों ने मिलकर इसकी खुदाई की तब यह मंदिर धीरे धीरे उभरने लगा और प्रारूप हो गया। यहां मंदिर के अंदर घुसने के लिए 5 फ़ीट का दरवाजा है। कुल मिलाकर इस मंदिर के अंदर घुसने के लिए 3 दरवाजे हैं जो पहले से ही इस मंदिर में मौजूद है। इस मंदिर के अंदर विष्णु भगवान की प्रतिमा है जिसकी नाभि से निकला अमृत जल भगवान शंकर का जलाभिषेक करती रहती है।

36

नाग-नागिन करते हैं शिवलिंग की देखभाल
टूटी झरना मंदिर की यह बात सभी को हैरान करती है वो यह की इस मंदिर के शिवलिंग की सेवा के लिए पुजारी के अलावा नाग नागिन है जो शिवलिंग की देखभाल करते है। यहां आए भक्तों को नाग नागिन के दर्शन एक साथ हो जाते है। पर ये दर्शन सभी भक्तों के नसीब में नहीं होता। कुछ बहुत ही भाग्यशाली भक्त होते है जिन्हें ये दुर्लभ दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होता है। नाग नागिन शिवलिंग के अंदर या उनके आस पास ही रहते है। टूटी झरना मंदिर में भक्तों की मनोकामना पूरी होती है। लोगों का मानना है कि यहां आने से असाध्या बीमारी से पीड़ित लोगों के रोग दूर हो जाते हैं। इसके अलावा इस मंदिर में हर साल सैकड़ों शादियां होती है। 
 

46


शिवलिंग पर चढ़ने वाला जल कहां से आता है किसी को नहीं पता
मंदिर के गर्भगृह में मां गंगा की प्रतिमा की नाभि से आपरूपी जलधारा निकलते रहती है जो प्रतिमा के दोनों हाथों से होते हुए ये जलधारा नीचे स्थापित शिवलिंग पर आपरूपी जलाभिषेक करते रहती है। इस अविरल धारा से साल के 365 दिन चौबीसों घंटे जलाभिषेक होता रहता है, पर वैज्ञानिकों के लाख सर धुनने के बाद भी ये पता नहीं चल सका की आखिरकार ये जल की धारा आती कहां से है। गौर से देखने पर पता चलता है की यह शिवलिंग पाताल शिवलिंग है। उतर दिशा में माँ गंगा नदी बहती है उसके ठीक पूरब दिशा में शमसान घाट है, ये तीनों मोक्ष प्रदान करनेवाली चीज़ें यहां विराजमान है। 

56

जलाभिषेक का जल ही यहां का प्रसाद
टूटी झरना मंदिर में पूजा अर्चना करने के लिए आने वाले लोगों को भगवान शंकर के ऊपर अर्पित होने वाला जल ही प्रसाद के रूप में दिया जाता है। दूर-दूर से श्रद्धालू यहां के चमत्कार को देखने आते हैं। खास बात यह है कि यहां आने वाले सभी भक्तों की मुरादें पूरी होती है। कोई भी यहां से खाली हाथ नही लौटा है। इस मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है। 
 

66

मंदिर के पास के चापानल से बगैर हैंडल चलाए आता रहता है पानी
मंदिर परिसर में एक चापानल है। इस चापानल से निरन्तर बगैर हैंडल चलाये अपने-आप पानी की धारा निकलते रहती है। इसे भी लोग ईश्वर का चमत्कार मानते हैं। इस टूटी झरना मंदिर को लेकर लोगों की आस्था और विश्वास ऐसी है कि यहां से कोई भी भक्तजन खाली हाथ नहीं लौटा है, सच्ची मन से मांगी गई मुरादें यहां अवश्य पूरी होती है।
 

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos